
पीओके में घुसकर इंडियन आर्मी के सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रहे सियासत के बीच सरकार ने इस मामले से दूरी बनाने की रणनीति बनाई है. सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार फिलहाल सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही राजनीति से खुद को दूर रखेगी. सूत्रों से पता चला है कि सरकार इस ऑपरेशन पर हो रही राजनीति में नहीं पड़ना चाहती.
सरकार का मानना है कि इस मसले पर हो रही राजनीति के कारण उसको लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सेना के ऑपरेशन के किसी को कोई सुबूत देने की ज़रूरत नहीं है. साफ है कि सरकार सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही राजनीति में फिलहाल नहीं पड़ेगी.
सरकार को पूरी आशंका है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तिलमिलाया पाकिस्तान त्योहार के दिनों में किसी बड़ी आतंकवादी वारदात को अंजाम दे सकता है. इसके मद्देनज़र फिलहाल सरकार का सारा ध्यान फिलहाल पाकिस्तान पर लगा रहेगा.
लिहाजा तीनों सेनाएं फिलहाल अपने स्टेट-1 हाई अलर्ट पर हैं. इस दौरान अगले कई दिनों तक रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और एनएसए अजित डोभाल दिल्ली से बाहर नहीं जायेंगे. इसी के मद्देनज़र गृह मंत्री राजनाथ सिंह परसों यानी 6 अक्टूबर को पाकिस्तान की सीमा से सटे सभी राज्यों में सुरक्षा की समीक्षा बैठक करने जा रहे हैं. ख़ास बात यह है कि यह बैठक जैसलमेर में होगी.
इस बैठक में जम्मू और कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान के सीएम, पुलिस महानिदेशक, खुफिया विभाग से जुड़े अधिकारी, बीएसएफ और कोस्ट गार्ड समेत रक्षा अमले से जुड़े बड़े अधिकारी मौजूद होंगे. एक दिन की इस बैठक में पाकिस्तान की नापाक हरकतों से निपटने और हर तरह के हालात से निपटने पर चर्चा होगी.