
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को ज्ञानवापी मामले पर एएसआई के सर्वे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद चीजें किस तरह सामने आएंगी? उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके बाद हजारों बाबरी (बाबरी मस्जिद) के द्वार नहीं खुलेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17 वीं शताब्दी की संरचना पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी. वहीं मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए इसका विरोध किया था कि सर्वे 'अतीत के घावों को फिर से कुरेद देगा.'
ओवैसी का बीजेपी पर हमला
ओवैसी ने कहा कि अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो बीजेपी और आरएसएस एक नैरेटिव सेट कर रहे हैं. हमें आशंका है कि बाबरी फैसला दोबारा न दोहराया जाए. ओवैसी ने सवाल खड़े करते हुए कहा, 'हमारे पास पूजा स्थल अधिनियम है जो कहता है कि पूजा स्थल का चरित्र नहीं बदलना चाहिए. अब इस सर्वे से धार्मिक चरित्र वही रहेगा या बदल जाएगा?'
उठाए सवाल
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि उम्मीद है कि न तो "23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर" की घटनाएं दोहराई जाएंगी और पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए.
ओवैसी ने कहा, 'एक बार जब ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है, कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी? उम्मीद है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी. पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए. उम्मीद यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए द्वार नहीं खोले जायेंगे.'
योगी पर निशाना
योगी आदित्यनाथ के बयान पर ओवैसी ने कहा, 'आप एक सीएम (योगी आदित्यनाथ) हैं, आप एक समुदाय का समर्थन कैसे कर सकते हैं?' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले बाबरी मस्जिद में एएसआई की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था और एक मस्जिद का निर्माण किया गया था.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई से सर्वेक्षण के दौरान किसी भी आक्रामक कृत्य का सहारा नहीं लेने को कहा. पीठ ने एएसआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही ढांचे को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा.