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तेलंगाना: सोनिया गांधी की मेडचल जनसभा पर सीबीआई घूसकांड का साया

तेलंगाना के गठन के बाद पहली बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी तेलंगाना जा रहीं हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इस रैली को सफल बनाने में पूरी ताकत झोंक दी है.

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो-पीटीआई) यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो-पीटीआई)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

तेलंगाना के मेडचल में कांग्रेस का मेगा शो विवादों के घेरे में आ गया है, क्योंकि इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के. लक्ष्मण रेड्डी यानी केएलआर का नाम सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा के उस हलफनामे में है जो उन्होंने सु्प्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया है. एमके सिन्हा ने अपने हलफनामे में बताया है कि केएलआर के रिश्ते सतीश सना से हैं, जिसके इर्दगिर्द सीबीआई घूसकांड की कहानी घूम रही है.  

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दरअसल, सतीश सना की शिकायत के आधार पर ही सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिए सोमेश प्रसाद, मनोज प्रसाद और अन्य अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया था. सतीश सना का नाम सबसे पहले मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़ा था, जिसकी सीबीआई जांच चल रही थी. सीबीआई की एफआईआर में सतीश सना के मामले को खत्म करने के लिए 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लिए जाने की बात है, जिसमें इन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.

बीजेपी ने किया हमला, कांग्रेस का पलटवार

अब इस रैली से ठीक पहले तेलंगाना बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता कष्ण सागर राव ने सवाल किया है कि सतीश सना और 10 जनपथ के बीच क्या रिश्ता है? यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ नहीं गईं लेकिन उन्हें मेडचल में दागी व्यक्ति का प्रचार करने आना पड़ा. यह कई सवाल खड़े करता है. बीजेपी के इस सवाल पर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद सुष्मिता देव ने कहा है कि पहले सरकार NSA अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री हरिभाई को हटाए जिनके नामों का जिक्र भी सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा के हलफनामे में है.

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तेलंगाना के गठन का श्रेय लेने की रणनीति

कांग्रेस पार्टी की तेलंगाना के मेडचल में होने वाली यह रैली इसलिए अहम है क्योंकि तेलंगाना गठन के बाद पहली बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्य में जा रहीं हैं. सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 23 नवंबर को तेलंगाना के मेडचल में एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. 23 नवंबर को मेडचल में होने वाली इस रैली के लिए व्यापक तौर पर तैयारियां की जा रही हैं. जिसमें 70 विधानसभा क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं ताकि राज्य की ज्यादा से ज्यादा जनता सोनिया गांधी को सुन सके. इस जनसभा में कई सामाजिक संगठन तेलंगाना के गठन में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए सोनिया गांधी को सम्मानित भी करेंगे.

लंबे समय के बाद सोनिया का प्रचार

हाल में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 महीने के ब्रेक के बाद 2 रैलियां की थीं. इससे पहले उन्होंने 2 अगस्त 2016 को उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में रोड शो किया था. लेकिन रोड शो के समापन स्थल से चंद किलोमीटर दूर उनकी तबियत खराब हो जाने की वजह से उन्हें दिल्ली आना पड़ा. इसके बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, हिमांचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों से भी सोनिया दूर रहीं.

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हालांकि, सोनिया गांधी हिमांचल प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले वे अक्टूबर 2017 में शिमला गईं थीं. लेकिन यह चुनावी दौरा नहीं था, बल्कि वो छुट्टी पर गई थीं और इस दौरान तबियत खराब होने की वजह से उन्हें बीच में ही वापस आना पड़ा. इसके बाद उन्हें दिसंबर 2017 में गोवा में एक रिजॉर्ट में छुट्टी के दौरान साइक्लिंग करते देखा गया. यह भी चुनावी दौरा नहीं था.

अब मई 2018 के बाद सोनिया गांधी एक बार फिर चुनावी समर में कांग्रेस के लिए प्रचार करने जा रही हैं और इससे ठीक पहले उठा यह विवाद तेलंगाना विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएगा ये तो 11 दिसंबर को ही पता चलेगा.

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