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केसीआर की रैली ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता! बोली- थर्ड फ्रंट बना तो बीजेपी को होगा फायदा

तेलंगाना में सीएम केसीआर आज खम्मम में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. रैली में पंजाब, दिल्ली समेत कई दल के वरिष्ठ नेता मंच साझा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि केसीआर लोकसभा चुनाव के लिए नए मोर्चे ही जमीन तैयार कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस ने कहा कि अगर कोई नया मोर्चा बनाता है तो वह सीधे-सीधे बीजेपी की मदद करेगा.

तेलंगाना के खम्मम में केसीआर की मेगा रैली तेलंगाना के खम्मम में केसीआर की मेगा रैली
सुप्रिया भारद्वाज/कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली/ लखनऊ,
  • 18 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव आज खम्मम में एक विशाल रैली कर रहे हैं. इस रैली में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, केरल के सीएम पिनराई विजयन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सीपीआई नेता डी राजा शामिल होने के लिए वहां पहुंच गए हैं. इस बीच कांग्रेस ने नया मोर्चा बनाने की शंकाओं के बीच कहा कि अगर कांग्रेस को अलग-थलग करके कोई नया मोर्चा बनाने की कोशिश होगी तो यह सीधे-सीधे बीजेपी की सहायता होगी.

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कांग्रेस महासचिव और केरल प्रभारी तारिक अनवर ने केसीआर की रैली पर कहा कि जो भी विपक्ष में है और बीजेपी को हराना चाहते हैं, वे ऐसा मोर्चा बनाने की कोशिश नहीं करेंगे. कोई भी मोर्चा कांग्रेस के अलावा नहीं बन सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. राष्ट्रीय स्तर पर अगर कोई बीजेपी को जवाब दे रहा है या कोई मोदीजी से सवाल पूछ रहा है तो वह कांग्रेस पार्टी ही है. कांग्रेस को अलग-थलग करके अगर कोई मोर्चा बनाने का प्रयास होगा तो यह सीधे-सीधे बीजेपी की सहायता करना होगा. विपक्ष का मतलब ही है कि सभी लोग इसमें शामिल रहें. नीतीशजी समेत कई अन्य नेताओं ने कहा है कि बिना कांग्रेस के कोई मोर्चा नहीं बन सकता है.

राहुल ने यात्रा में जिन्हें नहीं बुलाया, वो यहां होंगे शामिल

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तेलंगाना के सीएम ने खम्मम में अपनी रैली में शामिल होने के लिए यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बुलाया है. अखिलेश हैदराबाद पहुंच गए हैं. उन्होंने वहां पहुंचते ही थर्ड फ्रंट की ताकत दिखाती हुई कुछ तस्वीरें भी ट्वीट की हैं. इन तस्वीरों के चंद्रशेखर रा,  अरविंद केजरीवाल और उनकी तस्वीर प्रमुखता से है. ट्वीट यह दिखाने के लिए काफी है कि विपक्ष की गोलबंदी के इधर एक नया फ्रंट आकार ले रहा है.

अखिलेश के अलावा इसके अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, पिनराई विजयन और डी राजा भी रैली में शामिल होने पहुंच चुके हैं. आने वाले समय में ममता बनर्जी भी इसमें शामिल हो सकती हैं. जिन आठ दलों को कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा के समापन का न्योता नहीं दिया है, उन पार्टियों में से कई पार्टी इस फ्रंट का हिस्सा बन सकती है.

अखिलेश नहीं चाहते कांग्रेस का साथ

अखिलेश ने कुछ दिन पहले थर्ड फ्रंट की चर्चा कर विपक्ष की गोलबंदी में पलीता लगा दिया था. सपा, बीजेपी और कांग्रेस से इतर एक अलग फ्रंट चाहती है, जिसमें वह सभी दल इकट्ठे हों जो कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहते या फिर कांग्रेस के साथ गोलबंद होने का जिन्हें अपने राज्यों में नुकसान हो सकता है.

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उन्होंने कहा था कि देश में एक फ्रंट की जरूरत है, जो विपक्षी दलों को एक फ्रंट के तहत ला सके. फिलहाल केसीआर के साथ जुट रहा अलग-अलग राज्यों के छत्रपों का यह समूह बीजेपी से कहीं ज्यादा, कांग्रेस नेतृत्व में बनने वाले गठबंधन को चुनौती दे रहा है. वहीं जानकारों के मुताबिक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सफल होने के बावजूद अगर विपक्षी एकता कांग्रेस के नेतृत्व में नहीं होती है और कोई थर्ड फ्रंट बन जाता है तो फिर राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए 2024 में लड़ाई और कठिन हो जाएगा.

बीजेपी को हराना है, अलग-अलग लड़ना विकल्प

सपा को लगता है कि कांग्रेस के साथ जाना बीजेपी को मजबूत करना है क्योंकि कांग्रेस के साथ अगर सपा का गठबंधन होता है तो बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ जाता है. ऐसे तमाम वोटर जो बीजेपी को वोट नहीं करते, वे कांग्रेस को वोट करते हैं, इसलिए बीजेपी को हराना है तो अलग-अलग लड़ना भी एक विकल्प है.

क्या पूरी तरह से आकार ले पाएगा नया मोर्चा

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के खिलाफ सियासत करने वाले कई और नेता और पार्टियां इस फ्रंट में शामिल हो सकते हैं. अखिलेश की कोशिश आरएलडी को शामिल कराने की भी है. साथ ही हरियाणा से ओम प्रकाश चौटाला को लेकर भी कोशिशें हो रही हैं. इस फ्रंट में ओम प्रकाश चौटाला या जयंत चौधरी में से कोई एक ही आ सकता है. ठीक उसी तरह जैसे ममता बनर्जी या लेफ्ट पार्टी में से कोई एक इस गठबंधन का हिस्सा बन सकता है.

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ऐसा कई दलों का मानना है कि बीजेपी के विरोध में पॉलिटिक्स करने वाली सभी पार्टियां एक मंच पर नहीं आ सकतीं, ऐसे में तीसरे फ्रंट की जरूरत है. संभव है कि नीतीश कुमार भी आने वाले दिनों में इस फ्रंट का हिस्सा बन जाएं क्योंकि कांग्रेस अगर अपना नेतृत्व चाहती है तो विपक्ष में थर्ड फ्रंट में ही कई पीएम के दावेदार बिना अपनी दावेदारी किए एक साथ रह सकते हैं.


 

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