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फॉर्मूला ई-फंडिंग मामले में बढ़ीं KTR की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

एसीबी ने अपनी FIR में आरोप लगाया कि हैदराबाद में दूसरी फॉर्मूला ई रेस के लिए 55 करोड़ रुपये केटीआर के निर्देश पर ट्रांसफर किए गए थे. हालांकि दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद यह आयोजन रद्द कर दिया गया. एसीबी और ईडी दोनों ही अब इस मामले में वित्तीय कुप्रबंधन और धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच कर रहे हैं.

ईडी ने KTR के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया (फाइल फोटो) ईडी ने KTR के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया (फाइल फोटो)
अपूर्वा जयचंद्रन/अरविंद ओझा
  • हैदराबाद/नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फरवरी 2023 में हैदराबाद में आयोजित फॉर्मूला ई-रेस से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं के मामले में पूर्व मंत्री केटी रामा राव (KTR) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है. ये एक्शन तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा फॉर्मूला ई फंडिंग मामले में केटीआर और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद हुआ है. ईडी ने स्पष्ट किया था कि एसीबी की FIR के बावजूद ECIR दर्ज की जाएगी.

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एसीबी ने अपनी FIR में आरोप लगाया कि हैदराबाद में दूसरी फॉर्मूला ई-रेस के लिए 55 करोड़ रुपये केटीआर के निर्देश पर ट्रांसफर किए गए थे. हालांकि दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद यह आयोजन रद्द कर दिया गया. एसीबी और ईडी दोनों ही अब इस मामले में वित्तीय कुप्रबंधन और धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच कर रहे हैं. 

12 दिसंबर 2024 को तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अटॉर्नी जनरल से परामर्श के बाद केटीआर और पूर्व नगर प्रशासन के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी. इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव शांति कुमारी को आरोपों की जांच शुरू करने का निर्देश दिया. 

हालांकि KTR ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने जांच का सामना करने के लिए अपनी तत्परता जताई है और कांग्रेस सरकार को आगे बढ़ने की चुनौती दी है. विवाद तब शुरू हुआ जब हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने फॉर्मूला ई ऑपरेशंस को भुगतान को लेकर चिंता जताई. साथ ही कानूनी और अनुबंधीय आधारों की कमी का हवाला देकर लेनदेन पर सवाल उठाए. मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जोर देकर कहा कि जांच कथित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, न कि राजनीतिक उद्देश्यों को. साथ ही इस बात पर भी स्पष्टता की मांग की कि फंड से किसे लाभ हुआ. 

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