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तेलंगाना में 'ऑपरेशन फार्म हाउस' की जांच सीबीआई करेगी, HC ने दिए आदेश

तेलंगाना में सत्तारूढ़ बीआरएस पार्टी के विधायक रोहित रेड्डी ने दावा किया है कि उन्हें बीजेपी की तरफ से आए तीन लोगों ने 100 करोड़ रुपये की पेशकश की है. बदले में टीआरएस (अब बीआरएस) छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया और अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा से लड़ने की शर्त रखी गई थी.

सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.
अब्दुल बशीर
  • हैदराबाद,
  • 26 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

तेलंगाना में 'ऑपरेशन फार्म हाउस' का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. अब हाईकोर्ट ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. बीते दिनों तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) विधायक रोहित रेड्डी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया था. बीआरएस विधायक रेड्डी ने कहा था कि बीजेपी ने विधायकों को खरीदने के लिए बड़ी रकम देने का ऑफर दिया है. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

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बाद में यह मामला तेलंगाना हाई कोर्ट पहुंचा था. अब HC ने इस केस की जांच को सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी एक्शन में देखा जा रहा है. ईडी ने एक हफ्ते पहले बीआरएस के तंदूर से विधायक पायलट रोहित रेड्डी को तलब किया था और पूछताछ की थी. रेड्डी ने बताया था कि ईडी के अधिकारियों ने उनका ब्योरा मांगा. लेकिन यह नहीं बताया कि उन्होंने समन क्यों जारी किया. उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने उनके पूछने के बावजूद उन्हें पेश होने का कारण नहीं बताया.

ईडी ने बीआरएस विधायक से मांगी थी जानकारी

रेड्डी ने कहा कि कानून का पालन करने वाले नागरिक के तौर पर वह केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हुए और उनके सवालों का जवाब दिया. ईडी के अधिकारियों ने सिर्फ उनके, उनके परिवार और उनके व्यवसाय के बारे में जानकारी मांगी. उन्होंने मुझसे किसी भी अवैध लेनदेन या मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित कुछ भी नहीं पूछा.

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खरीद-फरोख्त में तीन की हुई थी गिरफ्तारी

बताते चलें कि बीआरएस विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के प्रयास के मामले में रामचंद्र भारती उर्फ ​​सतीश शर्मा, नंदू कुमार और सिम्हायाजी स्वामी नामजद तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है. बाद में तीनों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है.

50 करोड़ रुपए ऑफर देने का आरोप

प्राथमिकी के अनुसार, रोहित रेड्डी ने दावा किया कि उन्हें आरोपियों की तरफ से 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई. बदले में टीआरएस (अब बीआरएस) छोड़कर बीजेपी में शामिल होना होगा और अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा से लड़ने की शर्त रखी गई थी. रेड्डी का कहना था कि भाजपा में शामिल होने के लिए प्रत्येक बीआरएस विधायक को 50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था. इस पूरी डील को टीआरएस विधायक रेड्डी के फार्म हाउस में किए जाने का आरोप है. इस केस में तेलंगाना सरकार ने 9 नवंबर को जांच के लिए 7 सदस्यीय एसआईटी का गठन करने का आदेश दिया था. 

केसीआर को बड़ा झटका लगा: बीजेपी

वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है. मालवीय ने कहा कि तेलंगाना हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले को एसआईटी से सीबीआई को तत्काल ट्रांसफर करने की मांग करने वाली याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है. राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी को रद्द कर दिया गया है. मामले को तुरंत सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है. ये केसीआर को सबसे बड़ा झटका है. उन्होंने इस पर काफी राजनीतिक पूंजी लगाई थी.

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