
तेलंगाना के श्रीशैलम हाइडल पावर प्लांट में लगी आग के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी नौ लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. हालांकि शुरुआत में सिर्फ छह लोगों के शव ही बाहर निकाले जा सके थे. लेकिन शाम पांच बजे तक सभी मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं. सभी शव एग्जिट द्वार पर मिले, जिससे लगता है कि सभी ने बचने की पूरी कोशिश की थी. फिलहाल इस मामले की जांच शुरू हो गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जाहिर किया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'श्रीशैलम हाइडल पावर प्लांट में लगी आग काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. मेरी संवेदनाएं शोकसंतप्त परिवार के साथ है. आशा करता हूं कि इस घटना में घायल हुए लोग जल्द ठीक हों.'
गुरुवार रात हुआ धमाका
एक अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना सरकार के भूमिगत बिजली संयंत्र में गुरुवार रात को धमाका हुआ था. इसके बाद आग लग गई थी. अनुमान है कि धमाके की वजह से संयंत्र में 9 मजदूर फंस गए थे. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
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तेलंगाना के ऊर्जा मंत्री जगदीश रेड्डी ने शुक्रवार सुबह कहा था कि गुरुवार की रात धमाका होने पर श्रीशैलम में 30 मजदूर संयंत्र में थे. एक सुरंग के जरिए 15 लोग बाहर निकल गए और अन्य छह मजदूरों को बचा लिया गया. 9 मजदूर फंसे हैं. इन लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की बचाव दल राज्य की राजधानी हैदराबाद से लगभग 220 किलोमीटर (140 मील) दक्षिण में एक नदी के बांध में स्थित श्रीशैलम हाइडल पावर प्लांट में रेस्क्यू अभियान चला रही है. प्लांट में आग लगने के कारण का अभी पता नहीं चल सका है.
इससे पहले जुलाई में तमिलनाडु के नेवेली में सरकार द्वारा संचालित बिजली संयंत्र में बॉयलर फटने से पांच मजदूरों की मौत हो गई थी और 16 घायल हो गए थे.