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उत्तर प्रदेश

पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बेटी की कोरोना से मौत, बड़ी बेटी का आरोप- अस्पताल ने लिया लाखों रुपये, नहीं किया इलाज

रोशन जायसवाल
  • वाराणसी ,
  • 04 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST
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कोरोना काल में निजी अस्पतालों पर लापरवाही और धन की उगाही के आरोप लगातार लग रहे हैं. अब हाईप्रोफाइल लोग भी इन अस्पतालों के जाल में फंस रहे हैं. एक ऐसा ही मामला पद्मविभूषण शास्त्री गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा के साथ हुआ है.  बीते दिनों पंडित छन्नूलाल की पत्नी की कोरोना से मौत हो गई थी.  पिछले हफ्ते एक निजी अस्पताल में उनकी बेटी को भी कोरोना से जंग हारनी पड़ी. बहन की मौत के बाद पंडित छन्नूलाल की दूसरी बेटी ने उसी निजी अस्पताल में पहुंचकर जमकर बवाल काटा और अस्पताल पर लापरवाही और धन उगाही के गंभीर आरोप लगाए. 

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बीते 26 अप्रैल को पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की पत्नी 76 वर्षीय मनोरमा मिश्रा की मौत गुरूधाम इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में कोरोना की वजह से हुई थी. फिर 1 मई को पंडित छन्नूलाल की बड़ी बेटी संगीता की मौत मैदागिन इलाके में स्थित कोविड अस्पताल में हुई. दो दिन बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से उनकी बेटी की जांच की पूरी डिटेल्स दी गई और न ही मरीज का सीसीटीवी फुटेज पंडित छन्नूलाल मिश्रा के परिवार को दिया गया. इसके बाद उनकी छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने अस्पताल पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया. उन्होंने अस्पातल पर लापरवाही और धन उगाही का भी आरोप लगाया. 

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घंटो तक चले इस हाईवोल्टेज ड्रामे के दौरान पुलिस भी अस्पताल पर पहुंच गई और काफी समझाने के बाद हंगामा कर रहे परिजनों को समझाया और लिखित शिकायत मांगी. जिसके बाद पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बेटी नम्रता मिश्रा की तरफ से कोतवाली थाने में मेडविन अस्पताल के खिलाफ तहरीर दी गई.  

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अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता पंड़ित छन्नूलाल मिश्रा की बेटी नम्रता ने बताया कि 24 अप्रैल को उनकी बहन संगीता मिश्रा को उल्टी और बुखार की शिकायत पर मैदागिन इलाके के मेडविन अस्पताल में डेढ़ लाख रुपये देकर भर्ती कराया था. उसके बाद  उनकी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. इस पर अस्पताल में भर्ती संगीता के सीसीटीवी फुटेज को दिखाने का वादा भी किया गया था और बताया गया था कि उनकी हालत में सुधार हो रहा है और उन्हें सात्विक भोजन और काढ़ा भी दिया जा रहा है. 

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इसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने कई लाख रुपये इलाज के नाम पर ले लिए.  लेकिन हर डॉक्टर  अलग अलग बातें करता रहा. फिर 29 अप्रैल को फोन के जरिये बताया कि मरीज की हालत नाजुक है और अस्पताल आने पर उनकी मौत की खबर बताई गई.  फिर बड़ी मिन्नत के बाद ICU में उनकी डेड बॉडी दिखाई गई.  उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार कहने के बावजूद एडमिशन के वक्त का सीसीटीवी नहीं दिखाया गया और जांच का ब्योरा भी नहीं दिया गया. इसलिए अब सीसीटीवी फुटेज और जांच का पूरा ब्योरा चाहिए.  जिसके लिए वो थाने में  लिखित शिकायत की हैं और फिर कोर्ट की भी मदद लेगी.  क्योंकि उनकी बहन की मौत नहीं हत्या हुई है.  

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