उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है. जहां पर अस्पताल द्वारा कोरोना के दो मरीजों से ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत सही साबित हुई. उच्च न्यायालय के आदेश पर अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए गठित हुई तीन सदस्यीय समिति ने दो मामलों में मरीजों के परिजनों को रुपये भी वापस लौटाए हैं.
(Representative image- PTI)
समिति पदाधिकारी और अपर जिलाधिकारी नगर ने बताया कि समिति के पास अस्पतालों की छह शिकायतें आई थीं. राम रघु अस्पताल से शिकायतकर्ता को चार लाख रुपये वापस करवाए गए. रवि हॉस्पिटल ने शिकायतकर्ता को 80 हजार रुपये वापस किये. पाठक हॉस्पिटल की भी शिकायत हुई थी लेकिन शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली.
आगरा के आयुष्मान हॉस्पिटल की शिकायत आई थी कि जिस पर डॉक्टर की डिग्री पर सवाल किए गए थे. इसके अलावा एक अस्पताल से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर शिकायत आई थी. शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है और रवि हॉस्पिटल की दो और शिकायतें समिति के सामने आई हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
(Photo: India Today)
यशवंत हॉस्पिटल को लेकर हिमांशु नाम के युवक ने 17 दिन में साढ़े 9 लाख रुपये का बिल बनाने की शिकायत पर भी संज्ञान लिया गया है. जिसकी गंभीरता के साथ जांच की जा रही है.
अपर जिलाधिकारी नगर डॉ प्रभाकांत अवस्थी का कहना है कि लोक शिकायत समिति के पास 6 शिकायतें आई थीं. इनमें से राम रघु अस्पताल से चार लाख रुपये मरीज को वापस लौटा दिए गए हैं. रवि हॉस्पिटल से 80 हजार रुपये में मरीज को वापस कराए गए. रवि हॉस्पिटल की दो और शिकायतें आई हैं, जिनकी जांच की जा रही है.