उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बुधवार को भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस अवसर पर प्रभु श्रीराम की नगरी को 12 लाख दीयों से सजाया गया, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. ढलते हुए सूरज के साथ अयोध्या दीपकों की रोशनी के साथ जगमगाने लगी है.
12 लाख दीयों को जलाने के लिए 36 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल हुआ. इसमें राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक प्रज्जवलित किए गए.
रामजन्म भूमि परिसर में 51 हजार दीए जलाए गए. इस बार दीयों की गिनती के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंची थी. 32 टीमों ने मिलकर 12 लाख दीयों को जलाया.
सरयू नदी के तट पर दीपकों की लंबी श्रृंखला जगमगा रही है. अयोध्या के इतर देश के अलग-अलग हिस्सों में मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. बड़ी संख्या में लोग इस खास मौके पर जुटे.
अयोध्या को दुलहन की तरह सजाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम हर वर्ष नई बुलंदियों को छू रहा है. भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के साथ यहां पर्यटन के अवसर तेजी से बढ़ेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम में भगवान राम का किरदार निभा रहे कलाकार का सांकेतिक राजतिलक किया. सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम 5 वर्ष पहले शुरू किया था और तब से लगातार ये आयोजन अपनी नई ऊंचाईयों को छूता दिखाई दे रहा है.
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने अयोध्या में भगवान राम की शोभा यात्रा को रवाना किया. उधर, कार्यक्रम स्थल पर भगवान राम और माता जानकी हेलिकॉप्टर से पहुंचें. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. राम और सीता की आरती कर भगवान का राजतिलक किया.
श्रीराम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तो उनके स्वागत में दीपोत्सव का आयोजन हुआ था. जिस प्रकार उस दिन भगवान राम के स्वागत में अयोध्या में दीपोत्सव हुआ था.
दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए 500 ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं. इस दौरान पहली बार एरियल ड्रोन शो हुआ. जिससे इसकी भव्यता और आकर्षण कई गुना बढ़ गई.
दीपोत्सव में हर वालंटियर को लगभग 75 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है. पूर्वाह्न नौ बजे से घाटों पर वालंटियर अपने घाटों पर मुस्तैद रहे और सुनिश्चित पैटर्न पर दीए लगाने का कार्य शुरू कर दिया.
अयोध्या में दीपोत्सव के पांचवें संस्करण में नौ लाख 54 हजार जलते दीपों का वर्ल्ड रिकार्ड बना. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स की ओर से इसकी घोषणा की गई.