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उत्तर प्रदेश

कहीं जलेबी-कहीं बंटी मिठाइयां, कानून वापसी पर किसानों के जश्न की PHOTOS

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून वापसी लेने के ऐलान के बाद दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है. यहां कुछ लोग जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. वहीं भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों के मुताबिक, यह कोई हार या जीत का मसला नहीं था, क्योंकि हम अपने देश के लोगों से ही बात कर रहे थे.

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भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों के मुताबिक, आंदोलन के दौरान कई ऐसे मामले आए जिन पर सरकार से बात होनी जरूरी है, कृषि कानून तो वापसी करने का ऐलान प्रधानमंत्री ने कर दिया है लेकिन यह संसद सत्र के दौरान ही होना संभव हो पाएगा, साथ ही आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं उसका क्या होगा?

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कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से जश्न मनाने की तस्वीरें सामने आने लगी है. गाजीपुर बॉर्डर पर ढोल बजाकर जीत का जश्न मनाया गया तो मुजफ्फरनगर में लोगों ने डांस करके जश्न मनाया. हालांकि, किसानों का मानना है कि अभी हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, अभी कई मुद्दों पर बातचीत होगी.

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कानपुर में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने की घोषणा से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है. कानपुर के मंधना इलाके में किसानों ने आतिशबाजी करके इस पर खुशी जताई. किसानों ने अपने खेतों पर फुलझड़ी जलाकर प्रसन्नता व्यक्त की. किसानों का कहना है कि मोदी देर से आए, लेकिन दुरस्त आए.

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गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि यह किसान और मजदूर की एकजुटता का परिणाम है, शहादत का परिणाम है, लंबे संघर्ष का परिणाम है, गुरु नानक देव जी के जन्म उत्सव पर जो आज यह सूचना मिली है, मैं सबको बधाई देता हूं जिन्होंने हमारा साथ दिया.

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मेरठ के सिवाया टोल प्लाजा पर 6 महीने से धरने पर बैठे किसानों ने सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार को लिखित में देना चाहिए. वहीं मुरादाबाद में भारतीय किसान यूनियन (असली) के नेता चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी इस आंदोलन में एक साल में 700 किसान शहीद हुए हैं उनकी शहादत की जिम्मेदारी लें.

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संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि किसानों से हाथ जोड़कर माफी मांगे. उन्होंने कहा कि अगर पहले ही किसानों की बात मानी होती तो किसानों की शहादत नहीं होती. चौधरी हरपाल सिंह ने एमएसपी गारंटी कानून पास करने की मांग की.

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वहीं, भाकियू (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने की आज घोषणा कर दी है, इसके लिए उनका बार-बार स्वागत और बार-बार अभिनंदन करता हूं. ऐसा ही होना चाहिए, किसान आज से नहीं 75 साल से परेशन हैं.

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