रामपुर रियासत में भले ही नवाबों की हुकूमत चलती थी और यह रोहिल्ला पठानों की रियासत कहलाती थी लेकिन यहां के मुस्लिम नवाबों के महल की वास्तुकला नवाबों के सर्वधर्म समभाव का जीता जागता सबूत है. इसी आर्किटेक्चर को लेकर प्रशासन जागरुकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है जो अपने आप में रामपुर जिले ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों प्रदेशों और देशभर में आपसी सौहार्द का संदेश दे सकती है. (रामपुुुर से आमिर खान की रिपोर्ट)
रामपुर नवाब का महल जो रामपुर जिले में स्थित है जिसमें वर्तमान में एशिया की नंबर 1 लाइब्रेरी रामपुर रजा लाइब्रेरी स्थित है. नवाब रामपुर के शीश महल के मीनारों को अगर गौर से देखें तो इसमें मस्जिद, मंदिर, गुरद्वारा और चर्च चारों ही बनाए गए हैं.
इस तरह से मीनार में चारों प्रमुख धर्मों का समावेश करके नवाब रामपुर ने अपने दरबार के भवन से यह संदेश देने की कोशिश की थी कि रामपुर रियासत किसी धर्म विशेष नहीं बल्कि सभी धर्मों का बराबर सम्मान करती है.
सर्व धर्म सम भाव के इस मैसेज से लोगों को जागरूक करने के लिए रामपुर जिला प्रशासन ने मुख्य चौराहों पर इस मीनार के कटआउट लगाकर इस संदेश से सभी को जागरूक करने की कोशिश की है.
इस मामले पर जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर की रजा लाइब्रेरी के बारे में ज्यादातर रामपुर के लोगों को पता है. यह बहुत फेमस लाइब्रेरी है लेकिन रजा लाइब्रेरी की जो वास्तुकला है और जो वास्तुकला की खासियत है उसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. उसकी जो चारमीनारें बनाई गई हैं और उस चारमीनारों में सर्व धर्म समभाव का मैसेज है. रामपुर की हस्तकला है, उसको प्रमोट करने के लिए हम लोगों ने यह अभियान चलाया हुआ है क्योंकि रामपुर के अंदर बहुत सारा हुनर है. वह एक ऐसा हुनर हैजो केवल रामपुर में बनता है और वो रामपुर के लोगों के उपयोग में आने वाली चीजें भी हैं.
रामपुर में जो वायलिन बनती हैंं वह पूरे देश में ख्यातिलब्ध है लेकिन दिक्कत यह है कि बहुत कम जो लोग म्यूजिशियन है, वही जानते हैं.
जिलाधिकारी ने बताया कि रामपुरी चाकू बहुत फेमस है हालांकि रामपुरी चाकू को नेगेटिव सेंस में जाना जाता है. रामपुरी चाकू घर में इस्तेमाल करने वाले, होटलों में इस्तेमाल करने वाला भी बनते हैं और हम उसी रामपुर ब्रांड को आगे बढ़ा रहे हैं.