
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पिछले कुछ दिनों से तैयारी चल रही थी, शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की. 13 फरवरी को उन्होंने सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया. इस विरोध को समर्थन देने के लिए सीपीएम और कांग्रेस के नेता भी पधारे.
इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाली ज्यादातर महिलाएं थी. यूपी पुलिस ने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए कुल 33 लोगों को नामजद किया है, साथ ही 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी संगीन धारओं में एफआईआर दर्ज किया है. इतना ही नहीं पांच प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
पुलिस ने इस केस में कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा और सीपीएम माले की वरिष्ठ नेता कृष्णा अधिकारी को भी नामजद किया है. पुलिस का कहना है कि दो दिन पहले कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत शेर मोहम्मद इलाके में महिलाओं और कुछ पुरुषों ने बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन निकाले. इसलिए 100 से अधिक लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
इतना ही नहीं पुलिस कंपलेन में यह भी बताया गया है कि प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी कर रहे सिपाही दुष्यंत को बंधक बनाकर पीटा गया. पुलिस को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली उन्होंने सख्ती दिखाते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ- बलवा, निषेधाज्ञा का उल्लंघन, सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने, क्रिमिनल लॉ एक्ट की धारा सात के तहत रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.
और पढ़ें- शाहीन बाग: गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते हैं प्रदर्शनकारी, पुलिस ने मांगी लिस्ट
इस केस में कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा, सीपीएम नेता कृष्णा अधिकारी, किसान मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष यूसुफ मलिक, बहुजन क्रांति मोर्चा के पंकज नागवंशी समेत 33 लोगों को नामजद और 100 अज्ञातों को आरोपी बनाया गया है.