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UP: लखनऊ में ब्लैक फंगस की खतरनाक एंट्री, KGMU अस्पताल में मिले 13 मामले

केजीएमयू के प्रवक्ता एवं डॉक्टर सुधीर ने बताया कि किंग जॉर्ज चिकित्सालय में अभी तक म्यूकरमाइकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस के 13 केस मिले हैं जो पहले से ही कोरोना संक्रमित भी थे. इन रोगियों में से अभी भी सात लोग कोविड से ग्रसित हैं.

लखनऊ स्थित KGMU अस्पताल लखनऊ स्थित KGMU अस्पताल
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ ,
  • 16 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:28 AM IST
  • कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ा
  • मरीजों को अधिक स्टेरॉयड देने से बढ़ रहा खतरा
  • मेरठ में ब्लैक फंगस से 2 की मौत, 10 मरीज भर्ती

कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है और कोरोना की तबाही के बीच म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले भी देखने को मिल रहे हैं. ताजा मामला लखनऊ, स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल चिकित्सालय का है. जहां पर कोरोना वायरस से ग्रसित रोगियों में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं.

केजीएमयू के प्रवक्ता और डॉक्टर सुधीर ने बताया कि किंग जॉर्ज चिकित्सालय में अभी तक म्यूकरमाइकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस से जो कोविड ग्रसित हुए हैं. उनकी संख्या 13 तक पहुंच चुकी है. इन रोगियों में से अभी भी सात लोग कोविड से ग्रसित हैं और वहीं 5 लोग जो कोविड से ग्रसित थे वह ठीक होकर पोस्ट कोविड हो चुके हैं. उनको चिकित्सा दी जा रही है और वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं.

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क्लिक करें: कोरोना से ठीक हुआ तो ब्लैक फंगस से चली गई डॉक्टर के आंख की रोशनी

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर ने यह भी बताया कि एक रोगी मेडिसिन आईसीयू में भर्ती है और यह मरीज भी पोस्ट कोविड है. हालांकि इनकी शल्य चिकित्सा भी हुई है. डॉक्टर सुधीर बताते हैं कि जो 13 रोगी केजीएमयू अस्पताल में पाए गए हैं और ब्लैक फंगस से संक्रमित हैं उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई है.

लखनऊ ही नहीं प्रदेश भर से ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. यही प्रकोप मेरठ में भी सामने आए हैं जहां दो मरीजों की पहले ही मौत हो चुकी है. इसके अलावा दस और मरीज हैं जो अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं.

मेरठ के सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने ब्लैक फंगस के बारे में बताया कि जिन कोविड मरीजों को स्टेरॉयड दिए जा रहे हैं, इससे उनकी इम्यूनिटी पर असर पड़ रहा है. डॉक्टर अखिलेश मोहन ने आगे बताया कि जिन लोगों में बहुत अधिक अनियंत्रित डायबिटीज है, या जो लंबे समय से वेंटिलेटर पर हैं या जिन्हें लंबे समय से स्टेरॉयड दिया जा रहा है, उनमें ही ब्लैक फंगस का प्रकोप ज्यादा है.

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