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मुजफ्फरनगर दंगाः राज्य सरकार ने की 38 केस वापस लेने की सिफारिश

मुजफ्फरनगर दंगा मामले में केस हटाने की मंजूरी राज्य सरकार ने पहले ही दे दी थी कि जिनके खिलाफ सबूत नहीं मिला तो अब 38 लोगों के खिलाफ केस वापस होगा. इस संबंध में राज्यपाल ने भी अपनी मंजूरी दे दी. अब उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव जेपी सिंह ने पत्र के जरिए अदालत के फैसले की जानकारी जिला प्रशासन को भेज दी है.

2013 में हुआ था मुजफ्फरनगर दंगा (फाइल) 2013 में हुआ था मुजफ्फरनगर दंगा (फाइल)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 06 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के 100 से भी ज्यादा आरोपियों के खिलाफ चल रहे 38 मामले वापस लेने की सिफारिश की है. सरकार की ओर से सचिव जेपी सिंह की तरफ से पिछले हफ्ते मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है, जिसमें डकैती, लूट, धार्मिक स्थानों पर बवाल करने, ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल करने और विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने के मामले में केस वापस लेने की सिफारिश की गई है.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने इन मामलों को हटाने की स्वीकृति 10 जनवरी को ही दे थी और नोट 29 जनवरी को भेजा गया था. ये सारे मामले मुजफ्फरनगर के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. सरकार की ओर से लिखे गए पत्र के मुताबिक ये मुकदमे राजनैतिक हैं, लिहाजा इनमें शामिल आरोपी लोगों की संलिप्तता सिद्ध नहीं हुई है.

मुजफ्फरनगर दंगा मामले में केस हटाने की मंजूरी राज्य सरकार ने पहले ही दे दी थी कि जिनके खिलाफ सबूत नहीं मिला तो अब 38 लोगों के खिलाफ केस वापस होगा. इस संबंध में राज्यपाल ने भी अपनी मंजूरी दे दी. अब उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव जेपी सिंह ने पत्र के जरिए अदालत के फैसले की जानकारी जिला प्रशासन को भेज दी है.

2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर 29 जनवरी को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अहम फैसला लिया और उसने जिला प्रशासन को इन दंगों के दौरान दर्ज हुए 18 मुकदमों को वापस लेने का लिखित आदेश जारी किया था. प्रशासन के मुताबिक दंगे के बाद मामले में कुल 175 मुकदमे दर्ज किए गए थे. दंगों की जांच कर रही एसआईटी टीम ने कोर्ट में अपनी चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी. राज्य सरकार ने इन 18 मुकदमों को वापस लेने पर जिला प्रशासन की राय मांगी थी.

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मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान दर्ज किए गए 175 मुकदमों में जनप्रतिनिधियों से जुड़े सभी मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं. सितंबर, 2013 में हुए मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में 60 लोग मारे गए, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए थे.

दंगों की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी टीम ने 175 मामलों में चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस ने 6,869 आरोपी लोगों पर केस दर्ज किया जबकि 1,480 लोगों के दंगों के आरोप में गिरफ्तार किया गया. एसआईटी के मुताबिक मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित 54 मामलों में अब तक 418 आरोपी सबूतों के आभाव में बरी किए जा चुके हैं.

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