
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने की वजह से राम जानकी की अष्टधातु की मूर्ति बीते 23 सालों से पुलिस के मालखाने में बंद है. दरअसल साल 1999 में चोरी हुई राम-जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमा मंदिर परिसर के पास बरामद हुई थी जिसे पुलिस ने कस्टडी में लेकर मालखाने में रख दिया था.
मंदिर के महंत रविदास महाराज का कहना है वह चाहते हैं काशी और अयोध्या की तर्ज पर मंदिर का जीर्णोद्धार कर इन मूर्तियों को मालखाने से निकालकर फिर से स्थापित किया जाए.
वहीं 23 साल से प्राचीन मूर्तियों के मालखाने में रहने को लेकर निजामाबाद थाने के एसएचओ का कहना है कि मालखाने में सील की हुई प्रतिमा कोर्ट की प्रक्रिया और सुरक्षा दृष्टि से रखी गई है.
बता दें कि निजामाबाद थाना अंतर्गत पवित्र दत्तात्रेय धाम में साल 1999 में अष्टधातु की राम जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमा चोरी हो गई थी. हालांकि कुछ दिनों बाद ही इन मूर्तियों को मंदिर परिसर के पास ही बरामद कर लिया गया था.
इन मूर्तियों को पुलिस ने सुरक्षा दृष्टि से मालखाने में सील करके रख दिया है जिसको लेकर समय-समय पर आवाज उठाई गई की अष्टधातु की मूर्तियों को फिर से मंदिर परिसर में स्थापित किया जाए.
यहां के महंत रवि महाराज का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने काशी और अयोध्या का जीर्णोद्धार किया है उसी तर्ज पर दत्तात्रेय धाम जो पूर्वांचल में लोगों के आस्था का केंद्र है उसे भी ठीक कराकर मूर्तियों को फिर से स्थापित किया जाए.
महंत का कहना है कि पुलिस और अधिकारियों द्वारा सर्वे भी किया गया था और यहां पर पुलिस चौकी खोलने की बात की गई थी जिसके लिए मंदिर परिषद उन्हें जगह भी देने को तैयार था. लेकिन अभी तक उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.
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