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ईरान में फंसे पांच भारतीय युवकों ने लगाया सरकार से मदद ना मिलने का आरोप, कोर्ट पहुंचा मामला

ईरान (Iran) में ड्रग्स स्मगलिंग के झूठे मामले में निर्दोष साबित हुए 5 भारतीयों ने भारत सरकार (Indian Government) से मदद नहीं मिलने का आरोप लगाया है. ये पांच नाविक अब तेहरान (Tehran) पहुंच गए हैं और वहां भारतीय दूतावास के बाहर मदद का इंतजार कर रहे हैं.

 तेहरान पंहुचे 5 भारतीय युवक. तेहरान पंहुचे 5 भारतीय युवक.
गीता मोहन/आलोक कुमार जायसवाल
  • नई दिल्ली/छपरा,
  • 21 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST
  • 27 जुलाई को होगी मामले की सुनवाई
  • दिल्ली HC में परिजनों ने दायर की याचिका

ईरान (Iran) में ड्रग्स स्मगलिंग के झूठे मामले में निर्दोष साबित हुए 5 भारतीयों ने भारत सरकार (Indian Government) से मदद नहीं मिलने का आरोप लगाया है. ये पांच नाविक अब तेहरान (Tehran) पहुंच गए हैं और वहां भारतीय दूतावास के बाहर मदद का इंतजार कर रहे हैं. मंगलवार 20 जुलाई 2021 दोपहर 2 बजे  ये लोग वहां भारतीय दूतावास के बाहर शरण लिए हुए हैं. मीडिया में उनकी खबर को देखने के बाद एक स्थानीय नागरिक उन सभी के मदद के लिए सामने आया और चाबहार से तेहरान तक सड़क मार्ग से 96 घंटे की यात्रा की.

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तेहरान पहंचे 5 भारतीय युवकों ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले में अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई है. ना ही दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें सहायता प्रदान की है. इसलिए वो सभी दूतावास के बाहर ही बैठेंगे. इन पांच भारतीय युवकों में सारण का प्रणव भी शामिल है.

मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सभी पांच युवकों के परिजनों ने उनकी देश वापसी के लिए एक याचिका दाखिल की . याचिका में अदालत को भारत सरकार की उदासीनता से अवगत कराया गया. दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि कैसे बार-बार अनुरोध, लिखित अभ्यावेदन के बावजूद, भारत सरकार द्वारा उन सभी 5 युवकों को वित्तीय सहायता या यहां तक कि भोजन या आश्रय प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार के वकील से इस बाबत जानकारी मांगी तो वकील कोई भी सन्तोषजनक उत्तर देने में सक्षम नहीं दिखे.

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भारत सरकार की ओर से पेश हुए स्थायी वकील के पास इस मामले में कोई दिशा निर्देश नहीं था, जबकि याचिका के साथ इसकी जानकारी पहले से ही उपलब्ध करवा दी गई थी. अदालत ने अब भारत सरकार के वकील को इस मामले पर तत्काल गौर करने और अदालत को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है कि उन सभी पांच भारतीयों के स्वदेश वापसी के लिए क्या कदम उठाए जाने की संभावना है. न्यायालय में अब इसकी अगली सुनवाई 27 जुलाई तक के लिए टाल दी गई है.

 

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