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गाय की देखभाल के लिए 7 सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी, DM बोलीं- मुझे बदनाम करने की साजिश

Fatehpur: सरकारी आदेश वॉट्सएप ग्रुप में वायरल होने के बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में पल्ला झाड़ रहे हैं.

IAS अपूर्वा दुबे मौजूदा कानपुर DM विशाख जी अय्यर की पत्नी हैं. IAS अपूर्वा दुबे मौजूदा कानपुर DM विशाख जी अय्यर की पत्नी हैं.
नीतेश श्रीवास्तव
  • फतेहपुर ,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST
  • वायरल पत्र में लिखा- फतेहपुर की डीएम की गाय हुई बीमार
  • इलाज के लिए बारी-बारी से 7 डॉक्टर की ड्यूटी का जिक्र

यूपी के फतेहपुर जिले में जिलाधिकारी आवास में गाय के इलाज मामले में नया मोड़ आया है. डीएम अपूर्वा दुबे ने खुद एक वीडियो जारी कर स्थिति स्पष्ट की है. डीएम ने कहा कि मैंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. ना ही मैंने पशु चिकित्सा विभाग के सीवीओ या डिप्टी सीवीओ से कोई बातचीत की. इसके बावजूद दूषित मानसिकता से ये पत्र जारी किया गया. उन्होंने इस संबंध में उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की है. डीएम ने ये भी बताया कि सीवीओ और डिप्टी सीवीओ के खिलाफ निलंबन के लिए शासन को पत्र लिखा है.

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बता दें कि सोशल मीडिया पर रविवार को एक पत्र वायरल हुआ था. इसमें फतेहपुर की डीएम की गाय बीमार होना बताया गया और देखभाल के लिए 7 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाए जाने का आदेश दिया गया. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की ओर से ये सरकारी आदेश जारी किया गया था. जिसके बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया. इस संबंध में अपर मुख्य पशुधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि आदेश तो जारी किया है, लेकिन किसी सरकारी कर्मचारी ने इस लेटर को शरारतपूर्ण ढंग से वायरल कर दिया है. 

वायरल पत्र में आदेश दिया गया कि फतेहपुर की डीएम अपूर्वा दुबे की गाय की तबीयत खराब हो गई है. इसके लिए बारी-बारी से 7 डॉक्टरों की ड्यूटी देखभाल के लिए लगाई है. अब पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं, डीएम ने कहा कि पशु चिकित्सा विभाग ने मनमानीपूर्ण तरीके से ये लेटर जारी किया है. उस लेटर में कोई प्रतिलिपि का भी जिक्र नहीं है. अगर मैंने कोई आदेश दिया होता तो उसकी प्रतिलिपि में मेरा जिक्र होता.

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सीवीओ और डिप्टी सीवीओ ने अनुशासनहीनता की हदें पार कीं

डीएम का कहना था कि पशु चिकित्सा विभाग से डाक रजिस्टर्ड मंगाकर देखा गया तो डाक संख्या 544 से पत्र जारी किया गया और डाक संख्या 545 से उस आदेश को निरस्त कर दिया गया. यानी अगले ही डाक संख्या से आदेश को निरस्त कर देते हैं. जो स्पष्ट परिलक्षित करता है कि वो किस मंशा से षड्यंत्र करते हैं और अनुशासनहीनता की हदें पार करते हैं. दूषित मानसिकता से ये कृत्य किया गया है. मुझे ट्विटर के जरिए इस संबंध में पता चला. मेरा यहां डेढ़ साल का कार्यकाल रहा है. सीवीओ और डिप्टी सीवीओ के खिलाफ उच्चाधिकारियों से शिकायत की है और पूरे मामले से अवगत कराया है. 

जानिए पत्र में क्या लिखा...

वायरल पत्र में लिखा है कि डीएम महोदया की गाय की चिकित्सा करने के लिए पशु चिकित्साधिकारी की प्रतिदिन सुबह-शाम की ड्यूटी लगाई जाती है. साथ ही पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार सनगांव इन संबंधित डॉक्टरों से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन सुबह-शाम गाय को देखने की सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी को फोन के माध्यम से देंगे. इस मामले में शिथिलता अक्षम्य है. 

गाय की देखभाल के लिए जारी आदेश.

सोमवार के दिन डॉ. मनीष अवस्थी (भिटौरा के पशु चिकित्साधिकारी), मंगलवार को डॉ. भुवनेश कुमार (पशु चिकित्साधिकारी ऐरायां), बुधवार को डॉ. अनिल कुमार (पशु चिकित्साधिकारी उकाथु), गुरुवार को अजय कुमार (पशु चिकित्साधिकारी गाजीपुर), शुक्रवार को डॉ. शिवस्वरूप (पशु चिकित्साधिकारी मलवां), शनिवार को डॉ. प्रदीप कुमार (पशु चिकित्साधिकारी असोथर) और  रविवार को डॉ. अतुल कुमार (पशु चिकित्साधिकारी हसवा) की ड्यूटी लगाई गई है.  

पति भी हैं कानपुर के DM 

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डीएम अपूर्वा दुबे कानपुर के मौजूदा डीएम विशाख जी अय्यर की धर्म पत्नी हैं. हालांकि, विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में किसी भी विवाद में आईएएस अपूर्वा का नाम नहीं आया. बता दें कि फतेहपुर डीएम आवास में वर्तमान समय 3 गाय पाली जाती हैं.

फतेहपुर DM अपूर्वा दुबे.

अपर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एसके तिवारी के मुताबिक, डीएम महोदया की गाय के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी. प्रतिदिन के हिसाब से सात डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई, जो सुबह-शाम इलाज करके इसकी जानकारी फोन के माध्यम से देगी. इस सरकारी आदेश का पत्र ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप में डाला गया था, जिसे किसी कर्मचारी ने वायरल कर दिया. 

DM ने जारी किया बयान 

डीएम अपूर्वा दुबे ने अपने बयान में कहा, ''इस लेटर के बारे मुझे कोई जानकारी नहीं है. यह लेटर सुनियोजित तरीके से मेरी छवि धूमिल करने के लिए जारी  किया गया है. मेरा और मेरे परिवार में किसी ने गाय नहीं पाली. गाय की बीमारी के बारे भी मुझे जानकारी नहीं है. ट्विटर के माध्यम से मामला मेरी संज्ञान में आया. सीवीओ और डिप्टी सीवीओ के खिलाफ निलंबन के लिए पत्र लिखा गया है.''  

जिलाधिकारी ने अपने बयान में आगे बताया, पशु चिकित्सा विभाग खुद लेटर खुद जारी करता है और निरस्त करता है. 544 डाक नंबर से पत्र जारी किया गया और अगले ही दिन डाक नंबर 545 संख्या से निरस्त कर दिया गया.  

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