
यूपी में संगम नगरी प्रयागराज में 'आजतक' की ख़बर का बड़ा असर हुआ है. प्रयागराज में गंगा किनारे बड़ी संख्या में शवों को दफनाए जाने की खबर दिखाए जाने के बाद श्रृंगवेरपुर घाट सुर्ख़ियों में आ गया. अब इसी श्रृंगवेरपुर में विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा.
प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर में जल्द विद्युत शवदाह गृह बनेगा. घाट पर राजस्व विभाग ने 4 बिस्वा जमीन चिन्हित कर ली है. हल्का लेखपाल ने प्रस्ताव तैयार कर एसडीएम को भेज दिया है. अब डीएम की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा. शासन की मंजूरी मिलने के बाद विद्युत शवदाह गृह जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा.
श्रृंगवेरपुर में विद्युत शवदाह गृह बनने से कम समय और कम खर्च में लोग दाह संस्कार कर सकेंगे. कहा जा रहा हा है कि यदि कोई अड़चन नहीं आई तो अगले चार-पांच महीने में यह शवदाह गृह बनकर तैयार हो जाएगा.
गौरतलब है कि श्रृंगवेरपुर का अपना धार्मिक महत्व है. इसी वजह से यहां प्रयागराज के साथ-साथ प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली व सुल्तानपुर समेत आसपास के कई जिलों से लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. हालांकि, कोरोना काल में शवों के बड़ी संख्या में दफनाए जाने से काफी विवाद हुआ.
जिसके बाद अब विद्युत शवदाह गृह बनाने का फैसला किया गया है. इस बाबत हाल ही में एनजीटी ने भी गंगा के आसपास शव दफन करने पर रोक लगाई थी.
मालूम हो कि प्रयागराज में कोरोना संकट के बीच संगम किनारे दफनाए गए शवों की तस्वीरों ने पूरे देश को झकझोर दिया था. राज्य सरकार पर कई सवाल खड़े किए गए. शवों का हाल तब और बुरा हो गया, जब तेज बारिश, हवा के कारण रेत हटने लगी. ऐसे में दफनाए गए शव बाहर आने शुरू हो गए, कुछ तस्वीरें ऐसी भी वायरल हुईं जिनमें कुत्ते शवों को नोच रहे थे.