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आयुष एडमिशन घोटाला मामला, यूपी सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश

आयुष एडमिशन घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. असल में इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया था. सर्वाधिक गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी.

सीएम योगी आदित्यनाथ सीएम योगी आदित्यनाथ
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 07 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

आयुष एडमिशन घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. सरकार की तरफ से सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्र गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया है. यह पूरा मामला NEET 2021 की परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली हुई थी. असल में इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया था. सर्वाधिक गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी. बड़ी बात ये थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया. लेकिन अब इस मामले में सीबीआई जांच की तैयारी है. 

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क्या है ये घोटाला?

बताया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर पैसा लेकर अपात्र छात्रों को एडमिशन देने केइस मामले में आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी निदेशालय के अफसर व कर्मचारी जांच के दायरे में हैं. इस मामले में डायरेक्टर आयुर्वेद एसएन सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी UPTRON पावर्ट्रॉनिक्स पर एफआईआर दर्ज करवाई थी और मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. आरोप लगा था कि सीटों की बड़े स्तर पर सौदेबाजी हुई, पांच-पांच लाख रुपये में सीटें बेच दी गईं.

छात्रों ने किया था जमकर बवाल

इस मामले ने तूल भी तब पकड़ा जब रैंक मिलने के बावजूद कई छात्रों को एडमिशन नहीं मिला. उन छात्रों ने आयुष मंत्रालय से लेकर राष्ट्रपति भवन तक इस मामले को उठाया, शिकायत की गई. जब बवाल ज्यादा बढ़ा तब इस मामले में सरकार हरकत में आई और सीबीआई जांच की सिफारिश की गई.

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