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समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजम खान के इस्तीफे से रिक्त हुई आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव में सपा पूरा जोर लगा रही है वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने चुप्पी साध रखी है. इस संबंध में शिवपाल यादव ने एक सवाल पर कहा कि हम शांत हैं.
शिवपाल यादव की शांति को लेकर अब कहा ये जा रहा है कि आजमगढ़ और रामपुर, दोनों ही सीट से शिवपाल के खास चेहरों की साख दांव पर है. आजमगढ़ सीट से शिवपाल के भतीजे धर्मेंद्र यादव खुद चुनाव मैदान में हैं तो वहीं रामपुर सीट से उनके करीबी आजम खान सपा उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं. यही वजह है कि शिवपाल यादव उपचुनाव में सपा का खुलकर समर्थन नहीं कर रहे तो विरोध भी नहीं कर पा रहे.
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हालांकि, इटावा पहुंचे शिवपाल यादव का दर्द भी छलक आया. उन्होंने लगे हाथ ये भी कह डाला कि उनसे कोई आशीर्वाद नहीं ले रहा है. ऐसे में वे अपनी तरफ से किसी भी तरह से सहभागिता नहीं चाहते. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर भी बेबाकी से अपनी राय रखी.
अग्निपथ पर नौजवानों के साथ
शिवपाल यादव ने अग्निपथ योजना को लेकर कहा कि कोई भी योजना बनाने और उसे लागू करने से पहले सरकार को युवाओं के साथ बातचीत करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि राय-मशविरा करने के बाद ही सरकार को कोई भी निर्णय लेना चाहिए. शिवपाल यादव ने कहा कि युवाओं को 60 साल उम्र सीमा के साथ नौकरी दी जानी चाहिए. उन्होंने साथ ही ये भी साफ किया कि हम अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध में उतरे नौजवानों के साथ हैं.
यूपी चुनाव से पहले आए थे अखिलेश के साथ
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच 2017 के विधानसभा चुनाव के समय दूरियां आ गई थीं. 2022 के यूपी चुनाव से पहले चाचा-भतीजा फिर साथ आ गए थे. पीएसपी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने खुद भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और इटावा की जसवंत नगर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि, बाद में दोनों नेताओं के बीच फिर से दूरी उत्पन्न हो गई.