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आगरा: रेलवे स्टेशन पर मौजूद मंदिर-मस्जिद और मजार को हटाने का नोटिस, हिंदू संगठन के नेताओं ने दी मास सुसाइड की धमकी

आगरा में दो अलग-अलग स्टेशनों की जमीन पर मंदिर-मस्जिद और मजार मौजूद हैं. इन पर रेलवे प्रशासन हटाना चाहता है. इसके लिए नोटिस दिया गया है, जिस पर बवाल बढ़ गया है.

चामुंडा देवी मंदिर राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर है चामुंडा देवी मंदिर राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर है
aajtak.in
  • आगरा,
  • 29 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST
  • चामुंडा देवी मंदिर आगरा में राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर है
  • मस्जिद और दरगाह आगरा कैंट स्टेशन की जमीन पर है

विभिन्न शहरों में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाये जा रहे हैं. यूपी के आगरा शहर का एक ऐसा ही एक्शन चर्चा में हैं. यहां आगरा में रेलवे स्टेशनों पर मौजूद मंदिर-मस्जिद और मजार को हटाने के लिए नोटिस भेजा गया है. इसको लेकर बवाल बढ़ गया है. हिंदू संगठनों के नेताओं ने तो मास सुसाइड की धमकी तक दे दी है.

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दरअसल, राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर चामुंडा देवी मंदिर है, जिसे 250 साल पुराना बताया जाता है. हिंदू संगठनों के नेताओं ने कहा है कि अगर मंदिर को हटाया गया तो वे लोग वहीं एक साथ सुसाइड कर लेंगे.

बता दें कि रेलवे ने 20 अप्रैल को नोटिस देकर रेलवे स्टेशन के परिसर में मौजूद मंदिर को हटाने को कहा था. रेलवे अथॉरिटी ने ऐसा ही नोटिस भूरे शाह बाबा दरगाह और आगरा कैंट रेलवे स्टेशन की जमीन पर बनी एक मस्जिद को भी दिया है.

मंदिर, दरगाह और मस्जिद को हटाने का नोटिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिया गया है. कोर्ट ने अपने ऑर्डर में अतिक्रमण हटाने को कहा था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जनसंपर्क अधिकारी और मंडल वाणिज्य प्रबंधक (डीआरएम) एनसीआर प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि हमने मंदिर के मुखिया को 20 अप्रैल को नोटिस भेजा था. मंदिर प्रशासन को 30 अप्रैल तक इससे जुड़े कागजात जमा करने को कहा गया है.

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प्रशस्ति श्रीवास्तव ने आगे बताया है कि मस्जिद और दरगाह को भी ऐसे ही नोटिस पहले दिये जा चुके हैं, दोनों आगरा कैंट रेलवे स्टेशन की जमीन पर मौजूद हैं. उनको 13 मई तक मालिकाना हक से संबंधित कागज दिखाने हैं.

मंदिर हटाने का विरोध

फिलहाल मंदिर हटाने के आदेश के बाद राजनीति गरमा गई है. राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ने कहा कि उनका संगठन अंग्रेजों के जमाने के इस मंदिर को हटाने नहीं देगा. गोविंद ने दावा किया कि अंग्रेजों ने भी पटरी बिछाने के दौरान मंदिर को नहीं हटाया था, जिसका सबूत पटरी में मौजूद घुमाव है.

गोविंद ने कहा, 'मामले को सुलझाने का कोई दूसरा समाधान निकाला जाना चाहिए. अगर रेलवे ने अपना आदेश वापस नहीं लिया तो हम लोग यहीं खुद को आग लगा लेंगे.'

 

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