
पिछले दिनों कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई थी. ऐसे में आगरा के एक अस्पताल के मालिक का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें उन्होंने 5 मिनट के लिए मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की बात कही थी. दावा किया जा रहा है कि इससे 22 मरीजों की मौत हो गई थी.
आगरा में पारस हॉस्पिटल के संचालक मरीजों की मॉक ड्रिल की बात कहकर बुरे फंस गए हैं. कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी पर मॉक ड्रिल और 22 मरीजों की मौत की बात के वायरल वीडियो ने मामले को पेंचीदा बना दिया है. इस बीच जिलाधिकारी ने कहा कि 22 मरीजों की मौत की बात गलत है. मामले की जांच करवाई जा रही है.
निजी अस्पताल के संचालक और उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. मामले से जुड़े 4 वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में ऑक्सीजन की कमी होने पर मरीजों की मौक ड्रिल करवाने की बात कही जा रही है. 22 मरीजों की मौत की बात भी कही जा रही है. आरोप अस्पताल के संचालक डॉक्टर अरिंजय जैन पर लगा है.
किसी भी मरीज की ऑक्सीजन हटाई नहींः डॉ. जैन
वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन की आवाज बताई जा रही है. डॉ. जैन खुद भी मानते हैं कि वीडियो में आ रही आवाज उनकी है. लेकिन उनका आशय किसी की मौत से नहीं था. उनका कहना है कि उन्होंने आपातकाल से निपटने के लिए मरीजों को कैटिगराइज करने की बात कही थी. 22 मरीजों को कैटिगराइज करने को कहा था. मॉक ड्रिल करवाने की बात कही थी. आपात स्थिति से निपटने के लिए स्टाफ को निर्देशित किया जा रहा था.
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डॉक्टर अरिंजय जैन का कहना है कि किसी भी मरीज की ऑक्सीजन तो हटाई ही नहीं जा सकती है और ना ही इस बात को कभी सोचा भी जा सकता है. डॉ. जैन फिलहाल सभी आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं.
मामले पर जिलाधिकारी आगरा प्रभु एन सिंह ने संज्ञान लिया है. जिलाधिकारी आगरा ने कहा कि 26 तारीख को पारस हॉस्पिटल में 3 लोगों की मौत हुई थी. 27 तारीख को 4 और लोगों की मौत हुई थी. जिलाधिकारी ने कहा कि 22 लोगों की मौत की बात पूरी तरह गलत है. फिर भी मामले की जांच करवाई जा रही है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे. उसके आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.