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रामपुर में आकाश को मिला आज़म से अदावत का इनाम! खतौली में BJP के राजकुमारी पर भरोसे की ये है वजह

उत्तर प्रदेश की एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए BJP ने अपने कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने रामपुर में आकाश सक्सेना पर भरोसा जताया है. ऐसे में माना जा रहा है कि आकाश सक्सेना को अपने जुझारूपन और आज़म के खिलाफ़ मुखर रहने का इनाम मिला है. तो वहीं भाजपा ने खतौली सीट से विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को कैंडिडेट बनाया है.

आकाश सक्सेना और आज़म खान (फाइल फोटो) आकाश सक्सेना और आज़म खान (फाइल फोटो)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 15 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

यूपी में होने वाले तीन उपचुनावों को लेकर बीजेपी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद ख़ाली हुई सीट पर पूर्व सांसद रघुराज शाक्य को टिकट दिया है, तो रामपुर में आज़म खान के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने वाले आकाश सक्सेना को पार्टी ने फिर से प्रत्याशी बनाया है. वहीं, पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को खतौली विधानसभा सीट से टिकट दिया है.

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आज़म के खिलाफ मुखर रहे हैं आकाश सक्सेना 


बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी आकाश सक्सेना को आज़म खान के ख़िलाफ़ प्रत्याशी बनाया था. संगठन में लघु उद्योग प्रकोष्ठ में संयोजक आकाश सक्सेना को अपने जुझारूपन और आज़म के खिलाफ़ खुलकर बोलने के साथ ही मुखर रहने का इनाम मिला है. कोई बड़ा पद न होने के बावजूद आकाश पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में रहे हैं. इसकी वजह आज़म खान से आकाश सक्सेना की अदावत है. 

आकाश सक्सेना का नाम भी आज़म खान की वजह से ही चर्चा में आया था. दरअसल, हेट स्पीच के मामले में आज़म खान को सज़ा दिलवाने में बीजेपी के इस स्थानीय नेता की भूमिका महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि संगठन में कोई बड़ा पद न होते हुए भी आकाश सक्सेना को बीजेपी ने सपा और आज़म खान का गढ़ माने जाने वाले रामपुर से टिकट दिया है.

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ऐसा है आकाश का राजनीतिक सफर


करीब 47 साल के आकाश सक्सेना मूलतः व्यापारी नेता हैं. उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक ही है. रामपुर में उनका अपना उद्योग है, तो वहीं इंडियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन से भी आकाश जुड़े रहे हैं. 

आकाश सक्सेना छात्र राजनीति कर चुके हैं, लेकिन मुख्यधारा की पॉलिटिक्स में अभी उनकी कोई ख़ास पहचान नहीं है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने आज़म खान जैसे बड़े और प्रभावशाली नेता के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला. इससे वह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की नज़र में आ गए. 

'पूरा प्रदेश बीजेपी का गढ़'

यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने रामपुर चुनाव और आकाश सक्सेना की उम्मीदवारी पर कहा कि किस तरह लोगों का हक़ छीना जा रहा था. किसने चोरी की सब जानते हैं. इसलिए जनता बीजेपी प्रत्याशी और पार्टी का साथ देगी. आज़म के गढ़ में क्या सफलता मिलेगी? इस सवाल पर भूपेन्द्र चौधरी ने काह कि अब कोई किसी का गढ़ नहीं है. पूरा प्रदेश बीजेपी का गढ़ है.

'रामपुर में सिर्फ रोजगार की बात होगी'


भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने कहा कि इस बार मुझे जनता का पहले से ज्यादा प्यार मिल रहा है. इस बार विधानसभा में कमल का फूल जरूर खिलेगा. आकाश सक्सेना ने बताया कि रामपुर का चुनाव हम विकास के मुद्दे पर लड़ने जा रहे हैं. रामपुर में जो रोजगार की समस्या है, उस मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे. यह चुनाव ऐतिहासिक होगा. उन्होंने कहा कि आजम खान का किला ध्वस्त होगा. आजम चैप्टर क्लोज हो चुका है, रामपुर में सिर्फ रोजगार की बात होगी. 

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खतौली से राजकुमारी सैनी चुनावी मैदान में


मुज़फ़्फ़रनगर की खतौली विधानसभा सीट पर बीजेपी नेता और पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को बीजेपी ने टिकट दिया है. मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में सज़ा होने के बाद विक्रम सैनी की विधायकी गई तो खाली सीट पर पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दे दिया. 2013 में जब मुज़फ़्फ़रनगर के दंगे हुए थे, तो विक्रम सैनी ज़िला पंचायत सदस्य थे. दंगों में नाम आने के बाद विक्रम सैनी की जेल भी जाना पड़ा था. इसके बावजूद 2017 में विक्रम सैनी यहां से जीते, लेकिन 2022 में पार्टी ने फिर से विक्रम सैनी की टिकट दिया था.

राजकुमारी पर क्यों जताया भरोसा?


राजकुमारी सैनी को टिकट देकर बीजेपी ने विक्रम सैनी पर ही भरोसा जताया है. क्योंकि इस सीट पर 2022 में विक्रम सैनी ने सफलता हासिल की थी. क्षेत्र में विक्रम सैनी का ख़ासा प्रभाव माना जाता है. हालांकि सैनी वोट बैंक के प्रभाव वाली खतौली विधानसभा के बारे में ये तय हो गया था कि पार्टी जहां मैनपुरी में शाक्य पर भरोसा जताएगी तो वहीं खतौली में सैनी जाति पर दांव लगाएगी. यही वजह है कि स्थानीय तौर पर क्षेत्र में सक्रिय सुधीर सैनी और रूपेन्द्र सैनी के नाम को लेकर भी चर्चा थी. इन दोनों के नाम के साथ विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी का नाम भी पैनल में गया था. अंततः विक्रम सैनी का प्रभाव और क्षेत्र में सहानुभूति को देखते हुए राजकुमारी सैनी का नाम फ़ाइनल हुआ. हालांकि यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि राजकुमारी सैनी सामाजिक रूप से सक्रिय महिला हैं. पार्टी ने इस वजह से उनको टिकट दिया है. 

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(इनपुट- आमिर खान)

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