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13 अखाड़ों में दो फाड़, आज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का चुनाव, जानिए क्या है वोटिंग का प्रोसेस

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव आज होना है. 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद से ही ये पद खाली है. आज होने वाली चुनावी प्रक्रिया में सात अखाड़ों के शामिल होने की संभावना है.

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद से खाली है अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद. (फाइल फोटो-PTI) महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद से खाली है अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद. (फाइल फोटो-PTI)
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 25 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST
  • 20 सितंबर को हुई थी महंत नरेंद्र गिरि की मौत
  • रविंद्र पुरी ने खुद को अध्यक्ष घोषित किया था

Akhara Parishad President Election: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव आज होना है. आज प्रयागराज में संत जुटेंगे और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत के बाद से ये पद खाली है. हालांकि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले 13 अखाड़े दो फाड़ हो गए हैं. 

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19 अक्टूबर को हरिद्वार में 7 अखाड़ों ने रविंद्र पुरी (Ravindra Puri) को अध्यक्ष चुन लिया था. इनमें निर्मोही, निर्वाणी, दिगंबर, महानिर्वाणी, अटल, बड़ा उदासीन और निर्मल अखाड़ा शामिल है. उस वक्त रविंद्र पुरी ने कहा था कि उन्हें बहुमत के आधार पर ही चुना गया है. उन्होंने कहा था कि उनकी कोशिश रहेगी कि सभी अखाड़ें साथ चलें.

कैसे चुना जाता है अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष?

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया पूरी तरह से लोकतांत्रिक है. सभी अखाड़े एक साथ जुटते हैं और अध्यक्ष पद का चुनाव करते हैं. सभी 13 अखाड़ों से दो-दो प्रतिनिधि चुनाव में शामिल होते हैं और अध्यक्ष चुनते हैं. अगर अध्यक्ष पद के लिए कई नाम आते हैं तो भी चुना उसे ही जाता है जिसके नाम पर रजामंदी बनती है. 

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का काम क्या होता है?

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अखाड़ा परिषद बनाया इसलिए गया था ताकि अव्यवस्थाओं को दूर किया जा सके. अखाड़ा परिषद किसी अखाड़े के कामकाज में दखल नहीं देता लेकिन उन पर पैनी नजर रखता है. अखाड़े परिषद के ये तीन काम प्रमुख माने जाते हैं...

1. कुंभ मेलों को लेकर सभी तरह की व्यवस्थाओं में अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष ही फैसला लेता है. उनके सहयोग से ही मेले में अलग-अलग अखाड़ों को जगह और स्नान की व्यवस्था की जाती है.

2. फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई करने का काम भी होता है. 2017 में 14 ऐसे फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी. इसमें गुरमीत राम रहीम, आसाराम बापू और संत रामपाल का नाम भी शामिल था.

3. किसी नए अखाड़े को मान्यता देना या किसी की मान्यता रद्द करने का काम भी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का ही होता है. 

क्यों हो रहा है ये चुनाव?

20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि की मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक उन्होंने आत्महत्या की थी. मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने परेशान होने की बात कही थी. उनकी मौत के बाद से ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद खाली है. उनके जाने के बाद अब उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए ये चुनाव हो रहा है.

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