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राष्ट्रपति चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव न तो अपने सहयोगी दल को साधकर रख सके और न ही अपने विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने से रोक पाए. ऐसे में अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव और सहयोगी ओम प्रकाश राजभर से किनारा कर लिया है और साफ तौर पर कहा कि उन्हें जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जा सकते हैं. राजभर-शिवपाल के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अखिलेश अपने उन विधायकों के खिलाफ एक्शन कब लेंगे, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी लाइन से खिलाफ जाकर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन दिया था और उनके पक्ष में वोटिंग के लिए पार्टी ने व्हिप भी जारी कर रखा था. इसके बावजूद सपा के करीब आधा दर्जन विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट किया था. ऐसे में ओम प्रकाश राजभर और शिवपाल यादव से किनारा करने के बाद सपा पर क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ एक्शन का दबाव बढ़ गया है.
अखिलेश ने बुलाई पार्टी की बैठक
अखिलेश यादव ने मंगलवार को अपनी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें सपा के सभी विधायकों के साथ-साथ वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे. इस बैठक में अखिलेश एक तरफ पार्टी को एकजुट करने के लिए रणनीति बनाई जा सकती है. इसके अलावा आगे के कार्यक्रम तय करने के मुद्दो पर भी बात होगी. साथ ही बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग को लेकर चर्चा भी होगी.
हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक कौन हैं, लेकिन पार्टी को कुछ नाम पता चले हैं, जिन पर शक है कि शायद इन्हीं विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है. ऐसे में सपा क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को चिन्हित कर उन पर उसी तरह की कार्रवाई करने का दबाव है, जैसे शिवपाल यादव के लिए अखिलेश यादव ने कदम उठाए हैं.
सपा के 6 विधायक क्रॉस वोटिंग किए थे
दरअसल, शिवपाल यादव ने तो खुल कर एनडीए प्रत्याशी को वोट दिया, लेकिन इसके अलावा पांच विधायक और हैं. इनमें दो विधायकों के नाम पार्टी नेतृत्व ने पता कर लिए हैं. इनमें एक पश्चिमी यूपी के हैं तो दूसरे पूर्वी यूपी के हैं. दोनों मंत्री भी रह चुके हैं. बाकी तीन के नाम पता करने के लिए पार्टी अपने स्तर से प्रयास कर रही है, लेकिन मतदान गुप्त हुआ था इसलिए यह काम खासा मुश्किल है.
बरेली में पेट्रोल पंप पर बुलडोजर चलने के कारण चर्चा में आए सपा के विधायक सहजिल इस्लाम की ओर से भी क्रॉस वोट करने की आशंका जताई गई थी. सहजिल इस्लाम मतदान से पहले और मतदान के बाद भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में समर्थन करने वाले शिवपाल यादव के साथ खड़े नजर आए थे. इस तरह पश्चिमी यूपी से सहजिल इस्लाम का नाम माना जा रहा है तो पूर्वांचल में भी एक पूर्व मंत्री और सपा विधायक के नाम है.
सुबूत के बाद ही होगी कार्रवाई
सपा क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ एक्शन लेने में जल्दबाजी इसीलिए भी नहीं दिखा रही है, क्योंकि महज शक आधार पर ही अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में क्रॉस वोटिंग के लिए जब तक पार्टी सौ प्रतिशत पक्का नहीं हो जाती है तब तक किसी पर एक्शन नहीं लेना चाहती. बताया जा रहा है कि पार्टी किसी भी सूरत में क्रास वोटिंग करने वाले विधायकों को निष्कासित नहीं करेगी बल्कि उन्हें भी 'जहां मान सम्मान मिले वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं', के तर्ज पर पार्टी उन पर कार्रवाई करेगी.
सपा के इस तरह अपने विधायकों को आजाद तो कर देगी, लेकिन उन्हें पार्टी लाइन से बांधे रखेंगी. ऐसे में उन विधायकों को सहानुभूति फैक्टर का लाभ नहीं लेने देगी और साथ ही अगर वो किसी अन्य दल का दामन थामते हैं तो उनकी विधायकी पर भी खतरा होगा. विधानसभा सदस्यता छोड़े बिना वो किसी दल में शामिल नहीं हो पाएंगे?
सपा की मंथन बैठक कल
शिवपाल और राजभर प्रकरण के बाद अखिलेश यादव ने कल यानी मंगलवार को सपा मुख्यालय में अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. इसमें विधायकों को शिवपाल व ओम प्रकाश राजभर के प्रकरण से अवगत कराते हुए पार्टी को एकजुट कर आगे बढ़ने का पाठ पढ़ाया जाएगाय पार्टी के संगठन को मजबूती देने व आगे के कार्यक्रम तय करने के मुद्दे पर विधायकों से चर्चा होगी. अखिलेश यादव ने इन दिनों सदस्यता अभियान चला रखा है, उसकी समीक्षा भी होगी. ऐसे में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर एक्शन लेने को लेकर मंथन किया जाना हैं.