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UP: अखिलेश ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, शिवपाल ने बनाई दूरी, भरथना में भागवत कथा सुनने पहुंचे

UP News: इस बैठक में प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव समेत सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर, अपना दल कमेरावादी पल्लवी पटेल और रोलाद के राजपाल बालियान को आमंत्रित किया गया था. गठबंधन दलों की इस मीटिंग में चुनावी नतीजों को लेकर चर्चा की गई और आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी मंथन हुआ.  

शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रवैये से बेहद आहत हैं. (फाइल) शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रवैये से बेहद आहत हैं. (फाइल)
समर्थ श्रीवास्तव/आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST
  • आज ही दिल्ली से लखनऊ रवाना हुए थे शिवपाल यादव
  • बैठक की बजाए पहुंच गए इटावा जिले के भरथना

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार शाम गठबंधन दलों की बैठक बुलाई. इसमें शामिल होने के लिए ओमप्रकाश राजभर, रालोद से राजपाल बालियान समेत दूसरे नेता सपा कार्यालय पहुंचे लेकिन प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कन्नी काट ली. लखनऊ में आहूत बैठक में न जाकर शिवपाल इटावा जिले के भरथना तहसील के नगला राजा गांव में भागवत कथा सुनने पहुंच गए.  

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सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रवैये से बेहद आहत हैं और अपमानित महसूस कर रहे हैं. इसके पीछे वजह यह है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया था. इसमें अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया था. बैठक में न बुलाए जाने के बाद से शिवपाल यादव नाराज चल रहे हैं.  

दरअसल, शिवपाल यादव की नाराजगी इस बात को लेकर है कि वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, ऐसे में उन्हें इस बैठक में बुलाया जाना चाहिए था. वहीं, सपा का कहना है कि यह बैठक सपा विधायकों की थी. इसमें किसी भी सहयोगी दल से किसी नेता को नहीं बुलाया गया था.  

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक, ''शिवपाल सिंह यादव आज अचानक हुई इस मीटिंग में नहीं आ पाए हैं. लेकिन कल उनके घर पर मैं जाऊंगा और उनसे बातचीत करूंगा. हालांकि घर में जब चार बर्तन होते हैं तो भिड़ते भी हैं, इसलिए थोड़ा बहुत चलता रहता है.''

शिवपाल के करीबियों का कहना है कि लगातार चुनाव में शिवपाल यादव ने अखिलेश और समाजवादी पार्टी के समर्थन में हर कदम उठाया. यहां तक कि खुद भी शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी  के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' से  चुनाव लड़े और अपनी पार्टी के नेताओं को टिकट दिलाने को लेकर भी नहीं अड़े. लोगों के बीच उन्होंने बार-बार यह कहा कि वह समाजवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं. ऐसे में उनको उम्मीद थी कि उनका भतीजे उनके मान और सम्मान का ध्यान रखेंगे. 

शिवपाल यादव लगातार यही बात कहते रहे कि पूरा यादव परिवार एकजुट है ताकि किसी भी तरह से परिवार में बिखराव का संदेश ना जाए. इसके बाद भी अखिलेश का यह व्यवहार चाचा को नागवार गुजरा है. इसी वजह से उन्होंने गठबंधन दलों की बैठक से कन्नी काटी. शिवपाल के समर्थकों को लगता है कि जानबूझकर अखिलेश, चाचा को उनकी जगह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. 

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