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सीटों के बंटवारे पर बसपा से बात नहीं, समाजवादियों का दिल बड़ा: अखिलेश

अखिलेश ने कहा, 'समाजवादियों का दिल बहुत बड़ा है. सही समय पर सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की जाएगी.' अखिलेश ने कहा 'सीटों के बंटवारे की जो भी खबरें हैं, वो सिर्फ अखबारों तक हैं. जमीन पर उनका अस्‍तित्‍व नहीं.' 

अखिलेश यादव-मायावती (फाइल) अखिलेश यादव-मायावती (फाइल)
रणविजय सिंह
  • लखनऊ,
  • 05 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी के साथ सीट बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हुई है. अखिलेश ने मंगलवार को कहा, 'लोकसभा चुनाव में एसपी और बीएसपी के बीच सीटों के बंटवारे पर फिलहाल कोई बात नहीं हुई है. इसको लेकर सही समय पर विचार-विमर्श किया जाएगा.'

अखिलेश का ये बयान उन खबरों के बीच आया है, जिनमें ऐसा कहा जा रहा है कि बीएसपी यूपी में 80 लोकसभा सीटों में से 40 सीटें मांग रही है.

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अखिलेश ने कहा, 'समाजवादियों का दिल बहुत बड़ा है. सही समय पर सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की जाएगी.' अखिलेश ने कहा 'सीटों के बंटवारे की जो भी खबरें हैं, वो सिर्फ अखबारों तक हैं. जमीन पर उनका अस्‍तित्‍व नहीं.'  

इससे पहले उपचुनाव के नतीजों के बाद मायावती ने कहा था, '2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी के साथ गठबंधन तभी होगा जब सम्‍मानजनक सीटें मिलेंगी.'

अखिलेश भी लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

बता दें, पिछले दिनों अखिलेश यादव ने 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया था. अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था, '2019 में मैं जरूर लोकसभा चुनाव लडूंगा.' इस बात से साफ है कि अखिलेश अब केंद्र की राजनीति की ओर बढ़ने का प्‍लान कर चुके हैं.

गौरतलब है कि इसी साल मार्च में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव से पहले सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ था. जो कि अभी तक कायम है. अखिलेश भी इस गठबंधन को लेकर काफी सकारात्‍मक नजर आते हैं. वहीं, मायावती भी कई बार इस गठबंधन की मजबूती की बात करती रही हैं.  

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गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद राज्यसभा चुनाव में यूपी की 10 सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. जहां बीजेपी अपने 9 उम्‍मीदवारों को जिताने में कामयाब रही. वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 1 सीट पर जया बच्‍चन को तो जीत दिला दी, लेकिन बसपा के प्रत्‍याशी भीमराव अंबेडकर को जितवाने में कामयाब नहीं हुए.

अखिलेश यादव ने बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को जिताने की हरसंभव कोशिश की थी, लेकिन बीजेपी के समीकरण और बीएसपी विधायक की क्रॉस वोटिंग और तमाम वजहों ने मंसूबों पर पानी फेर दिया.

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