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उमर खालिद के पिता ने की अखिलेश यादव से मुलाकात, प्रतिबंधित संगठन SIMI के रह चुके हैं सदस्य

उमर खालिद के पिता स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के सदस्य रहे हैं. इस संगठन पर 2001 में भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. इसे आतंकी संगठन करार दिया गया था. डॉ इलियास राम जन्मभूमि मंदिर के खिलाफ केस भी लड़ चुके हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का ऐलान किया था

वेलफेयर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ अखिलेश यादव से मुलाकात करने पहुंचे इलियास वेलफेयर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ अखिलेश यादव से मुलाकात करने पहुंचे इलियास
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 03 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST
  • वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं इलियास
  • राम जन्म भूमि के खिलाफ लड़ चुके केस

वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सैयद कासिम रसूल इलियास ने रविवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ संगठन के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे. डॉ. इलियास दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों में आरोपी जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के पिता हैं. 

उमर खालिद के पिता स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के सदस्य रहे हैं. इस संगठन पर 2001 में भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. इसे आतंकी संगठन करार दिया गया था. डॉ. इलियास राम जन्मभूमि मंदिर के खिलाफ केस भी लड़ चुके हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का ऐलान किया था.

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एक साल से जेल में बंद हैं उमर खालिद
दिल्ली हिंसा को लेकर उमर खालिद पिछले 1 साल से जेल में बंद हैं. इससे पहले वे जेएनयू में कथित 'राष्ट्रविरोधी नारों' के मामलों में कन्हैया कुमार के साथ चर्चा में आए थे. उमर खालिद पर दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च 2020 को एक एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में उमर खालिद पर लोगों को जमा करना, दंगे भड़काना, दंगों की पूर्व नियोजित साजिश रचना, भड़काऊ भाषण देना, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे के दौरान लोगों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. उन्हें UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. 

नागरिकता कानून को लेकर भड़के थे दंगे
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल नागरिकता कानून को लेकर 23 फरवरी से 26 फरवरी तक दंगे हुए थे. इस दौरान 53 लोगों की मौत हुई थी. इन दंगों में 581 लोग घायल हुए थे. 24 और 25 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था. इन दंगो के मामले में कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थीं.

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