
उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बढ़लने के साथ-साथ 2022 के विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश बढ़ने लगी है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्वांचल के तीन दिन के दौरे पहुंचे हैं. सपा प्रमुख पहले दिन जौनपुर में अपने परंपरागत वोटर मुस्लिम और यादवों को साधते नजर आए तो शाम को वाराणसी में संकट मोचन मंदिर में अखिलेश माथा टेक कर सॉफ्ट हिंदुत्व के जरिए हिंदू वोटबैंक को सियासी संदेश देने की कवायद करते दिखे.
वहीं, अब शुक्रवार को विंध्य पर्वत की गोद में बसे मिर्जापुर में पार्टी प्रशिक्षण शिविर में अखिलेश अपने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे जबकि शनिवार को वाराणसी में संत रविदास मंदिर जाकर सूबे के दलित समुदाय को साधने की कोशिश करते नजर आएंगे.
अखिलेश ने यादव-मुस्लिम को दिया संदेश
सपा प्रमुख जौनपुर में यादव और मुस्लिम समुदाय को साधते नजर आए. अखिलेश यादव जौनपुर के बक्शा थाने में पुलिस हिरासत में मरने वाले किशन यादव के परिजनों से मिलकर उनके दुख को बांटते दिखे और इंसाफ दिलाने का भरोसा जताया. इसके बाद मछलीशहर से चार बार विधायक रहे स्व. ज्वाला यादव और जौनपुर सदर से विधायक रहे हाजी अफजाल के शोक संतप्त परिवार से भी भेंट की और अपनी संवेदना प्रकट की. इस तरह से सपा प्रमुख जौनपुर दौरे के जरिए अपने कोर वोटबैंक को सियासी संदेश देते साफ नजर आए.
अखिलेश ने संकट मोचन मंदिर में माथा टेका
पूर्वांचल दौरे पर पहुंचे अखिलेश यादव ने गुरुवार को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में दर्शन पूजन किया और वहां एक घंटे बिताए. संकटमोचन मंदिर में शाम की आरती शुरू होने के पहले 7:10 पर भी मंदिर में प्रवेश किया और 8:10 पर बाहर निकले इस दौरान उन्होंने मंदिर में न केवल दर्शन पूजन किया बल्कि मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र के साथ बंद कमरे में मुलाकात की. इस दौरान संकट मोचन मंदिर की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री को लंका दहन का फोटो और प्रसाद भेंट किया गया.
अखिलेश यादव के साथ मंदिर के महंत पंडित विश्वंभर नाथ मिश्र की बातचीत हुई. महंत ने बताया कि अखिलेश ने कहा कि हनुमान जी आशीर्वाद देते तो प्रदेश की सेवा करना चाहता हूं. इस पर उन्हें संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बलबीरा का मंत्र दिया. दर्शन पूजन के अलावा बनारस कैसे बदल रहा है, इस पर बातचीत हुई. पहली बार अखिलेश यहां संकट मोचन मंदिर में आए थे.
शक्ति धाम से क्या मिलेगा जीत का मंत्र?
अखिलेश यादव शुक्रवार को मिर्जापुर में सपा प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से शक्ति धाम में चुनावी गणित तैयार का जायजा लेंगे. इस शिविर में विंध्याचल मंडल के 1500 सौ कार्यकर्ता भाग लेंगे. प्रशिक्षित ट्रेनरों के जरिए कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीति के गुर सिखाए जाएंगे. काशी और प्रयाग के बीच गंगा नदी के किनारे बसा मिर्जापुर जिला शक्ति का केंद्र माना जाता है, मां विंध्यवासिनी यहीं पर विराजमान हैं. ऐसे में सपा प्रमुख माता के दरबार में माथा टेक कर हिंदू समुदाय को सियासी संदेश देने की कवायद भी कर सकते हैं.
सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर अखिलेश
बता दें कि अखिलेश यादव ने चार साल पहले सूबे की सत्ता गंवाने और डेढ़ साल पहले लोकसभा चुनाव में करारी मात खाने के बाद से अपनी सियासी रणनीति में बदलाव किया है. बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व के जवाब में सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर अपने कदम बढ़ाते नजर आ रहे हैं. 15 दिसंबर 2020 को अखिलेश यादव ने अयोध्या में जहां राम मंदिर बन रहा है, वहां का दौरा किया और अपनी पार्टी द्वारा किए गए धार्मिक कार्यों को गिनाने की कोशिश की. इसके बाद से अखिलेश लगातार मंदिरों को चक्कर लगा रहे हैं. इसी साल 8 जनवरी को वे चित्रकूट के लक्ष्मण पहाड़ी मंदिर पहुंचे और कामदगिरि मंदिर की परिक्रमा करते दिखे. इसी कड़ी में लगातार जहां भी जा रहे हैं वो प्रमुख मंदिरों में दर्शन करते साफ नजर आते हैं.
रविदास मंदिर जाकर दलितों को साधेंगे
अखिलेश यादव पूर्वांचल दौरे के अंतिम दिन मिर्जापुर से वापसी करते समय पीएम मोदी के दुर्ग वाराणसी में रविदास मंदिर जाकर कांग्रेस के दलित एजेंडे को पुख्ता करने की पहल करेंगे. सपा प्रमुख शनिवार को वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर पहुंचेंगे. मंदिर में दर्शन पूजन के बाद संत निरंजनदास के दर्शन को मुख्य मंच पर जाएंगे. अखिलेश के संत रविदास मंदिर दौरे के जरिए सपा की सूबे के दलित समुदाय को साधने की रणनीति मानी जा रही है. सूबे में करीब 22 फीसदी दलित मतदाता हैं, जिसमें बड़ी तादाद संत रविदास के प्रति काफी अस्था रखती है. ऐसे में अखिलेश यादव यहां से सूबे के दलित समुदाय को सियासी संदेश देने की कोशिश करेंगे.