Advertisement

IT Raid: दुबई में मेडिकल कॉलेज, कर्नाटक में 11 शिक्षण संस्थान, जानें कौन हैं अखिलेश के करीबी राजीव राय

अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले राजीव राय पूर्वांचल के जिला बलिया के सोहांव ब्लाक के गांव सुरही के रहने वाले हैं, लेकिन राजनीतिक जमीन उन्होंने मऊ में तैयार की है. राजीव राय दो भाइयों में सबसे बड़े हैं. प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई है. गवर्नमेंट स्कूल बलिया से इंटर पास करने के बाद राजीव राय ने बीएचयू वाराणसी से ग्रेजुएशन किया.

राजीव राय और अखिलेश यादव. -फाइल फोटो राजीव राय और अखिलेश यादव. -फाइल फोटो
कुबूल अहमद
  • लखनऊ,
  • 20 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • राजीव राय पूर्वांचल के जिला बलिया के सोहांव ब्लाक के गांव सुरही के रहने वाले हैं
  • राजीव राय कर्नाटक के आरवीके ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशंस के चेयरमैन हैं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव के करीबी सपा नेताओं पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई है. इनकम टैक्स टीम के सबसे ज्यादा निशाने पर सपा के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता राजीव राय रहे हैं, जिनके घर मऊ, लखनऊ से लेकर बंगलुरु तक छापे पड़े हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं राजीव राय जो केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर हैं? 

Advertisement

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले राजीव राय पूर्वांचल के जिला बलिया के सोहांव ब्लाक के गांव सुरही के रहने वाले हैं, लेकिन राजनीतिक जमीन उन्होंने मऊ में तैयार की है. राजीव राय दो भाइयों में सबसे बड़े हैं. प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई है. गवर्नमेंट स्कूल बलिया से इंटर पास करने के बाद राजीव राय ने बीएचयू वाराणसी से ग्रेजुएशन किया.

राजीव राय 1990 में फिजियोथिरेपी का कोर्स करने बेंगलुरु चले गए. पढ़ाई के दौरान दक्षिण भारत ऐसा रास आया कि उन्होंने वहीं पर अपना कारोबार शुरू कर दिया. बेंगलुरु में 11 कॉलेज स्थापित किए, जिसमें इंजीनियरिंग से लेकर मैनेजमेंट और फार्मेसी कॉलेज शामिल हैं. राजीव राय कर्नाटक के आरवीके ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशंस के चेयरमैन हैं. इतना ही नहीं वह दुबई में भी एक मेडिकल कॉलेज चलाते हैं. 

Advertisement

अखिलेश मैसूर पढ़ने गए तो दोस्ती परवान चढ़ी

कर्नाटक के लिंक से ही राजीव राय सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीब आए हैं. अखिलेश मैसूर में पढ़ने गए तो राजीव राय की दोस्ती परवान चढ़ी. इसके बाद 2012 चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने जब मायावती सरकार के खिलाफ सूबे के दौरा शुरू किया तो राजीव राय उनके राजनीतिक सलाहकारों में शामिल रहे. इसके चलते उन्हें साल 2012 में प्रदेश में सपा सरकार के मुख्य शिल्पकारों में एक समझा जाता है. 

हालांकि, 2012 में सपा सरकार बनने के बाद राजीव राय को अखिलेश ने पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था, लेकिन फिर उनकी एंट्री हो गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मऊ सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ाया गया था. राजीव राय जीत नहीं सके और तीसरे स्थान पर रहे थे. लेकिन सपा में उनकी पकड़ वैसे ही बनी रही है और 2016 में शिवपाल यादव से जब अखिलेश के छत्तीस के आंकड़े हुए तो राजीव राय अखिलेश के साथ थे. 

2022 चुनाव में सपा के फाइनेंसरों में राजीव का नाम!

माना जा रहा है कि 2022 के चुनाव में सपा के फाइनेंसरों में राजीव राय का नाम शामिल है. ऐसे में राजीव राय के घर और कैंप कार्यालयों पर आयकर विभाग की इस कार्रवाई की गई है. राजीव राय के बेंगलुरु, मऊ, वाराणसी, लखनऊ सहित अन्य ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी है, जो रविवार देर शाम तक चली. राजीव राय से 15 घंटे तक इनकम टैक्स की टीम ने पूछताछ की है. 

Advertisement

राजीव राय को आर्थिक रूप से बेहद सम्पन्न माना जाता है. वह अपना अधिकतर समय बेंगलुरु में ही गुजारते हैं लेकिन राजनीतिक दिलचस्पी के चलते उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं. राजीव राय ने मऊ में सहादतपुरा इलाके में एक मकान खरीद लिया है. इस बार घोसी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. सपा से उनका टिकट कन्फर्म भी माना जा रहा है. 

आयकर विभाग की टीम ने राजीव राय की तरह मैनपुरी के बड़े व्यापारी मनोज यादव और अखिलेश यादव के ओएडसी रहे जैनेन्द्र यादव के लखनऊ के आवास पर छापा मारा है. इन तीन के साथ ही इनके करीबी एक दर्जन से अधिक लोगों के प्रतिष्ठान और ऑफिस में कार्रवाई की गई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement