
उत्तर प्रदेश में दावत-ए-इफ्तार ने नई सियासत को जन्म दे दिया है. समाजवादी पार्टी से मुसलमानों के मोहभंग की अटकलों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बीते कई दिनों से लगातार इफ्तार पार्टियों में शिरकत कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस दावत के सहारे अखिलेश नाराज मुसलमानों के बीच ये संदेश देना चाहते हैं कि वो उनके साथ खड़े हैं. हालांकि वो इफ्तार पार्टी के जरिए मुसलमानों की कितनी नाराजगी दूर कर पाते हैं, वो आगे साफ होगा.
फिलहाल अखिलेश यादव के तेवर बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं. लगातार दावत-ए-इफ्तार में जाने के साथ-साथ सपा अध्यक्ष उससे जुड़ी तस्वीरें भी साझा कर रहे हैं. उनके इफ्तार पार्टी अटेंड करने से सूबे की राजनीति में जो चर्चा छिड़ी है वो ये है कि क्या वो मुसलमानों के साथ खड़े होने की कोशिश में हैं?
दरअसल, सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर हाल ही में चली चर्चा और उनके समर्थकों के साथ ही दूसरे बड़े मुस्लिम नेताओं की ओर से जाहिर किये गए असंतोष ने ये मुद्दा गरमा दिया है. ये असंतोष खासकर अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के लिए दिख रहा है. कहा जा रहा है कि अब ये समुदाय अपने राजनीतिक विकल्पों के साथ ही भविष्य के बारे में भी सोच रहा है.
'अखिलेश यादव नहीं चाहते आजम खान जेल से बाहर आएं', सपा अध्यक्ष पर बरसे मीडिया प्रभारी
बता दें कि हाल ही में आजम खान के समर्थन में सपा के एक बड़े नेता ने इस्तीफा दे दिया था. सलमान जावेद राइन ने अखिलेश यादव पर मुसलमानों के लिए न बोलने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने लिखा था कि सपा नेताओं पर हो रही कार्रवाई पर अखिलेश ने चुप्पी साधी हुई है, जिससे नाराज होकर वह इस्तीफा दे रहे हैं. इससे पहले आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. फसाहत अली ने ये आरोप सीएम योगी के बयान को सही ठहराते हुए लगाए.
जेल में सपा प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले थे आजम
बीते 26 महीनों से जेल में बंद आजम खान ने हाल ही में सपा की ओर से जेल पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना कर दिया था, जबकि उन्होंने शिवपाल यादव से मुलाकात की थी. शिवपाल यादव ने उनकी रिहाई न होने के लिए अखिलेश से लेकर मुलायम सिंह तक को जिम्मेदार ठहरा दिया था.
शिवपाल ने कहा था कि आजम खान सपा के संस्थापक सदस्य थे तो उनके ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ समाजवादियों को लोकसभा और विधानसभा में आवाज उठानी चाहिए थी. नेताजी मुलायम सिंह यादव को आजम खान की रिहाई के लिए भी धरने में बैठना चाहिए था. पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी का सम्मान करते हैं. ऐसे में अगर नेताजी आंदोलन में शामिल होते तो जरूर आजम खान के साथ न्याय होता.
आजम खान से जेल में मिलेंगे ओपी राजभर
समाजवादी पार्टी द्वारा जेल में बंद आजम खां को मनाने की कोशिशें जारी हैं. अब सपा की तरफ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर उनसे मिलने जाएंगे. कहा जा रहा है कि राजभर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का दूत बनकर जा रहे हैं. वहीं, शनिवार को लखनऊ के अवध क्लार्क होटल में आयोजित इफ्तार पार्टी में अखिलेश ने कहा था कि हम आजम खान के साथ खड़े हैं.
चुनाव में सपा के साथ लामबंद दिखे थे मुस्लिम
बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में 19.5 फीसदी आबादी वाले मुसलमान सपा के पक्ष में लामबंद दिखाई दिए थे. उन्होंने तमाम आपत्तियों के बावजूद विधानसभा चुनाव में सपा को बड़े पैमाने पर वोट दिया था. इसकी वजह थी कि समाजवादी पार्टी ही बीजेपी को कड़ी टक्कर देती दिख रही थी. हालांकि सपा सत्ता में नहीं आ पाई और प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनी.