
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को एनआरसी के मुद्दे पर ममता बनर्जी का समर्थन करते नजर आए. उन्होंने घुसपैठियों को बाहर निकाले जाने की बीजेपी की मांग पर सवाल खड़ा किया. साथ ही बांग्लादेशियों और भारतीयों के आनुवंशिकता Geneticism) को एक जैसा बताया.
अब तक अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन आज लखनऊ में उन्होंने सबसे पहले ममता बनर्जी को एनआरसी की लड़ाई लड़ने के लिए उनका धन्यवाद किया. फिर इशारों में यह भी कह दिया कि धर्म के आधार पर किसी तरह का भेदभाव न हो क्योंकि भारत और बांग्लादेश के लोगों की आनुवंशिकता एक है.
उन्होंने सबसे पहला तर्क नेपाल में रहने वाले भारतीयों को मद्देनजर रखते हुए दिया कि अगर नेपाल ने भी ऐसी कोई एनआरसी बनाई तो वहां बसे भारतीयों का क्या होगा?
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने दूसरा तर्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जर्मनी दौरे पर दिए गए भाषण का दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और जर्मनी की जीन एक है. अखिलेश ने कहा कि जब जर्मनी के साथ एक आनुवंशिकता की बात कही जा सकती है तो फिर बांग्लादेश से परहेज क्यों?
इसके बाद बांग्लादेशियों के धर्म के मुद्दे पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि बौद्ध धर्म भारत से जापान तक फैला अब क्या जापान यह लौटाएगा?
उन्होंने आगे कहा कि जबसे असम में घुसपैठियों के मामले पर एनआरसी की रिपोर्ट में 40 लाख लोगों को बाहरी माना गया है, तब से बीजेपी ने खुलेआम उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर उनके खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है.