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अखिलेश यादव होंगे नेता प्रतिपक्ष, सपा विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष पर मुहर लग गई है. लिहाजा सदन में अखिलेश यादव जनता का पक्ष रखेंगे. वहीं बैठक में विधान मंडल दल का नेता भी अखिलेश यादव को चुना गया है.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 26 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST
  • विधान मंडल दल का नेता भी चुने गए अखिलेश
  • नेता प्रतिपक्ष का प्रस्ताव अवधेश प्रसाद ने किया

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में आज विधायक दल की बैठक का आयोजन किया गया. इसमें अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से विधायक दल और विधायक मंडल का नेता चुना गया है. अब सदन में शपथ होगी. बैठक में सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष होंगे. बैठक के दौरान विधान मंडल दल का नेता भी अखिलेश यादव को चुना गया है. अखिलेश यादव ने 28 मार्च को अन्य दलों के नेताओ को बुलाया है. उसी बैठक में शिवपाल सिंह यादव भी होंगे. 

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बता दें कि आज लखनऊ में सुबह 11 बजे से ही समाजवादी पार्टी के चुने हुए विधायकों की बैठक चल रही थी. बैठक में नेता प्रतिपक्ष का प्रस्ताव वरिष्ठ विधायक अवधेश प्रसाद ने किया. जबकि इसका अनुमोदन आलम बदी ने किया. वहीं विधान मंडल दल के नेता का प्रस्ताव लालजी वर्मा ने रखा. साथ ही विधान परिषद के लिए प्रस्ताव राजेंद्र चौधरी ने किया. मतलब साफ है कि अब सदन में अखिलेश यादव जनता का पक्ष रखेंगे.

आज लखनऊ में होने वाली इस बैठक के लिए बीते कई दिन से कयास लगाए जा रहे थे कि नेता प्रतिपक्ष की कमान कौन संभालेगा. क्योंकि इसमें सबसे आगे शिवपाल यादव का नाम चल रहा था. हालांकि उन्हें इस बैठक में बुलाया भी नहीं गया. इस पर शिवपाल ने कहा कि वह दो दिन से बैठक का इंतजार कर रहे थे.

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बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल विधानसभा से चुनाव जीते हैं. उन्होंने आजमगढ़ से सांसद के पद से इस्तीफ़ा देकर विधायक बने रहना चुना है. मतलब साफ है कि समाजवादी पार्टी (सपा) भले ही सूबे की सत्ता में वापसी न कर पाई हो, लेकिन विधायकों की संख्या बढ़कर सौ के पार हो गई है. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल सपा ही है. 

गौरतलब है कि बीते दिन यानी शुक्रवार की योगी सरकार की नई कैबिनेट ने शपथ ली है. शपथ ग्रहण के अगले दिन ही यानी आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी नई कैबिनेट के साथ पहली बैठक की. इस बैठक में योगी मंत्रिमंडल ने बड़ा फैसला किया. कोरोना काल में शुरू की गई फ्री राशन योजना को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. 

 

 

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