Advertisement

हेट स्पीच मामले में आजम खान को झटका, इलाहाबाद HC ने खारिज की याचिका

हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका के इंफ्रुक्ट्यूअस यानी औचित्य हीन हो जाने की वजह से किया इसे खारिज किया गया है.

आजम खान को हाई कोर्ट से झटका आजम खान को हाई कोर्ट से झटका
अभिषेक मिश्रा
  • प्रयागराज,
  • 16 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका के इंफ्रुक्ट्यूअस यानी औचित्य हीन हो जाने की वजह से किया इसे खारिज किया गया है.

यह मामला 2019 से जुड़ा है. आजम खान ने हेट स्पीच मामले में चल रहे ट्रायल को रोकने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बता दें कि रामपुर की स्पेशल कोर्ट इस मामले में 27 अक्टूबर को ही फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी ठहरा चुकी है.

Advertisement

आजम खान को हो चुकी है तीन साल की सजा

आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई गई है. सजा के आधार पर आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. उनकी सदस्यता रद्द होने की वजह से ही रामपुर सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है. 

इसलिए खारिज हुई याचिका

ट्रायल कोर्ट का फैसला आ जाने की वजह से आजम खान की याचिका औचित्य हीन हो गई थी. जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने इसी आधार पर आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया.

इसलिए खारिज हुई याचिका
ट्रायल कोर्ट का फैसला आ जाने की वजह से आजम खान की याचिका औचित्य हीन हो गई थी. जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने इसी आधार पर आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया.

Advertisement

क्या है ये पूरा मामला? 

गौरतलब है कि हेट स्पीच से जुड़ा यह मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर कोर्ट ने आजम को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल की जेल सजा दी गई. 

क्यों रद्द हुई आजम खान की सदस्यता?

साथ ही समझने वाली बात यह भी है कि आजम की सदस्यता इसलिए रद्द की गई है क्योंकि साल 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी रहती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement