
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गायों के संरक्षण को लेकर बुधवार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि गायों का संरक्षण समाज की नैतिक जिम्मेदारी है. कोर्ट ने अपने आदेश में गाय की विशेषता का जिक्र करते हुए तमाम बातें कही हैं.
दरअसल, बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले को सुनाते हुए गाय के संरक्षण की बात करते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि गाय हमारी संस्कृति का आधार है.
दरअसल, कोर्ट ने यह टिप्पणी एक मुकदमे से जुड़े मामले में कही है. शख्स को इसी साल मार्च में गोकशी के आरोप में यूपी के संभल जिले से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी की याचिका खारिज करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव ने बुधवार के अपने 12 पेज के आदेश में यह जिक्र किया है.
वहीं, बुधवार के आदेश में हाई कोर्ट ने अपने आदेश में बाबर, अकबर और हुमायूं का भी जिक्र किया है. कोर्ट ने कहा कि न सिर्फ हिंदुओं, बल्कि मुसलमानों ने भी गाय को संस्कृति का अहम हिस्सा मानते हुए अपने शासनकाल में गायों के वध पर रोक लगाई थी. तार्क-ए-गौकशी, जिसमें गोहत्या न करने की बात लिखी गई है, जिसमें अकबर, हुमायूं और बाबर ने अपनी सल्तनत में गोहत्या न करने की अपील की थी, क्योंकि इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचती है.