
हापुड़ के एक युवक को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अनोखी शर्त पर जमानत दी है. दरअसल, युवक पर समाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप है. आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसके बाद आरोपी की ओर से जमानत की अर्जी लगाई गई जिसे हापुड़ कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. गुरुवार को सुनवाई करते हुए इलाहबाद हाई कोर्ट ने जमानत के लिए आरोपी के सामने अनोखी शर्त रख दी.
कोर्ट ने आरोपी नवाब को एक सप्ताह तक सर्वजिनिक स्थानों पर राहगीरों को ठंडा पानी और शरबत पिलाने का सशर्त आदेश दिया है. यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अजय भनोट ने दिया है. दरअसल, हापुड़ के सिंभावली थाने में 11 मार्च 2022 को आपसी सद्भाव बिगाड़ने का एक मामला दर्ज हुआ जिसमें जिला न्यायालय के जज ने याची की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. याची ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
जमानत के लिए हाई कोर्ट में आरोपी ने दिया ये तर्क
हाई कोर्ट में याची ने तर्क दिया था कि चुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच विवाद हुआ तथा नारेबाजी के बाद लोग आपस मे झगड़ गए और थोड़ी देर बाद झगड़ा अचानक हिंसक रूप में परिवर्तित हो गया था, लेकिन इसमें याची का कोई दोष नहीं है उसे जान-बूझकर फंसाया गया है. उसका नाम भी मुख्य आरोपी के तौर पर सामने नहीं आया है, जिस पर कोर्ट ने याची के तर्कों से सहमत होकर कहा कि याची जमानत का हकदार है.
कोर्ट ने शर्तों के साथ याची को व्यक्तिगत मुचलके के साथ रिहा करने का आदेश दिया और साथ ही शर्त रखा कि उसे हापुड़ के किसी सार्वजनिक स्थान पर यात्रियों और राहगीरों को मई और जून की गर्मी में हफ्ते भर तक ठंडा पानी और शरबत पिलाना होगा. वहीं इस मामले के प्रतिवादी डीएम और एसपी को उसकी मदद करने का भी निर्देश दिया है जिससे शांतिपूर्वक ये काम चलता रहे, समाज में सद्भावना और सौहार्द भी पैदा हो सके.
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