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इलाहाबाद HC ने अतिक्रमण कर बने मंदिर-मस्जिद हटाने का दिया निर्देश

हाईकोर्ट ने जनवरी 2011 के बाद पब्लिक रोड, सड़क, गली व साइड रोड पर अतिक्रमण कर बने मंदिर, मस्जिद व अन्य किसी भी धार्मिक स्थल को तत्काल हटाने का फैसला सुनाया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो) इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/कुमार अभिषेक
  • इलाहाबाद,
  • 23 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:18 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध जमीन पर बने धार्मिक स्थलों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. शुक्रवार को कोर्ट ने जमीन अतिक्रमण कर बनाए गए मंदिर-मस्जिद व अन्य धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि जनवरी 2011 के बाद आम सड़क या गली की जमीन को अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को तत्काल प्रभाव से हटाए जाएं. कोर्ट ने मुख्य सचिव को इस बाबत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को सभी जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों को सर्कुलर जारी कर सड़कों के बीच लोगों के लिए परेशानी का सबब बनने वाले सभी निर्माणों की जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कृषि भूमि वक्फ की प्रोपर्टी नहीं हो सकती.

साथ ही कोर्ट ने एक जनवरी 2011 के पहले के राजमार्ग, सड़क आदि पर खड़े अवैध धार्मिक या अन्य किसी निर्माण को अगले 6 माह में शिफ्ट करने का निर्देश भी दिया.

कोर्ट ने धार्मिक स्थलों को हटाने का ये निर्देश एक फतेहपुर के मोहम्मद हुसैन की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए. जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस अजित कुमार ने कहा कि 10 जून 2016 के बाद सड़क पर अतिक्रमण कर बने धार्मिक निर्माण की जवाबदेही डीएम, एसडीएम, सीओ एसपी, एसएसपी की होगी. मामले को लेकर कोर्ट ने 7 माह में मुख्य सचिव से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

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