
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोरोना काल में पुलिस विभाग में हुए तबादलों के क्रियान्वयन आदेश को रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इंस्पेक्टरों, सब इंस्पेक्टरों, हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों के एक से दूसरे जिले में तबादले हुए थे.
पुलिसकर्मियों की ओर से अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर तबादला आदेश और कार्यमुक्त किए जाने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों को राहत देते हुए तबादला आदेशों को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में हुए पुराने तबादलों का क्रियान्वयन कोरोना काल में करने को गलत माना है और स्थानान्तरणों के क्रियान्वयन को रद्द कर दिया है.
कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि इन पुलिसकर्मियों का तबादला उनकी सेवाओं की जरूरतों को देखते हुए कानून के तहत नियमानुसार किया जा सकता है. हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने अदालत में पुलिसकर्मियों का पक्ष रखा.
दर्जनभर जिलों से याचिका
उत्तर प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिलों (बरेली, हाथरस, संभल, गाजियाबाद, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और आगरा) में तैनात इन पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर अपने तबादला तथा कार्यमुक्त किए गए आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
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कोर्ट ने यह आदेश याचिकाकर्ता प्रवीण कुमार सोलंकी, बालेन्द्र कुमार सिंह, अखिलेश कुमार, प्रेमावती, यूपी सिंह, उमेश कुमार, असगर अली और कई अन्य पुलिसकर्मियों की ओर से दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया. इन याचिकाओं में तबादला आदेशों के साथ-साथ वर्ष 2020 में जारी कार्यमुक्त आदेशों को भी चुनौती दी गई थी.
जस्टिस अजीत कुमार, जस्टिस नीरज तिवारी, जस्टिस शेखर यादव और जस्टिस अजय भनोट ने अलग-अलग दाखिल याचिकाओं पर आदेश दिया.