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'4 महीने में कृष्ण जन्मभूमि के सर्वे पर फैसला सुनाए मथुरा कोर्ट', इलाहाबाद HC का आदेश

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस का वीडियोग्राफी सर्वे हो सकता है. हाई कोर्ट ने चार महीने के अंदर मथुरा जिला अदालत से याचिकाकर्ता मनीष यादव की अर्जी पर फैसला सुनाने का आदेश दिया है. मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराने की मांग की थी.

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमित स्थान मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमित स्थान
संतोष शर्मा/पंकज श्रीवास्तव
  • लखनऊ/प्रयागराज,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस का भी सर्वे कराने का फैसला 4 महीने के अंदर लेना होगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस पीयूष अग्रवाल की बेंच ने मथुरा जिला अदालत में सर्वे को लेकर लंबित याचिका पर चार महीने में फैसला सुनाने का आदेश दिया है. इस बीच याचिकाकर्ता मनीष यादव ने दावा किया कि हाई कोर्ट ने वीडियोग्राफी सर्वे कराने का आदेश दे दिया है. 

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दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के वाद मित्र मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने और निगरानी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए जाने की मांग को लेकर मथुरा की जिला अदालत में पिछले साल अर्जी दाखिल की थी. एक साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बावजूद अभी तक इस अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है.

सुनवाई जल्द से जल्द पूरी हो करने मांग को लेकर मनीष यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में पिछले दिनों अर्जी दाखिल की थी.
मनीष यादव की अर्जी में हाई कोर्ट से इस मामले में दखल दिए जाने की अपील की गई थी. अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने निचली अदालत से आख्या मांगी थी. हाईकोर्ट ने आज इस मामले को निस्तारित करते हुए मथुरा की जिला अदालत को मनीष यादव की अर्जी पर 4 महीने में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाने को कहा है.

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अब मथुरा की जिला अदालत को तय करना है कि कि वह मनीष यादव की अर्जी पर क्या फैसला लेती है? जिला अदालत को 4 महीने में अपना फैसला सुनाना है. अर्जी में मुख्य रूप से 2 मांगे की गई है. विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिया जाए और साथ ही सर्वेक्षण की निगरानी के लिए कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किया जाए. इस मामले में हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता मनीष यादव की तरफ से उनके वकील रामानंद गुप्ता ने बहस की.

याचिकाकर्ता का दावा- वीडियोग्राफी का आदेश हुआ

आजतक से बात करते हुए याचिकाकर्ता मनीष यादव ने कहा, 'विवादित ढांचे के सर्वे की अर्जी पर सुनवाई मथुरा की जिला अदालत में एक साल से लंबित थी, आज हाई कोर्ट ने साफ कह दिया कि चार महीने के अंदर अर्जी पर फैसला सुनाइए और सर्वे कराकर हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंपिए. वीडियोग्राफी के लिए एक अधिवक्ता कमिश्नर और दो सहायक नियुक्त होगा, उनके साथ वादी-प्रतिवादी के अलावा जिले के सभी सक्षम अधिकारी मौजूद रहेंगे.'

याचिकाकर्ता मनीष यादव ने कहा, 'हाई कोर्ट ने आज आदेश दिया है, कल हम इसे मथुरा जिला अदालत में दाखिल करेंगे, उसके बाद से चार महीने के अंदर सर्वे और वीडियोग्राफी पूरी करनी है, ज्ञानवापी की ही तरह यहां भी वीडियोग्राफी सर्वे होगा और सर्वे ही इस मुकदमे की पहली सीढ़ी है, सर्वे के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का आदेश भी हुआ है.'

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