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चार गुना बढ़ी फीस, जानें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी आंदोलन की पूरी कहानी

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीते कुछ दिनों से छात्रों का एक बड़ा आंदोलन चल रहा है. यह आंदोलन यूनिवर्सिटी की ओर से फीस बढ़ाए जाने के विरोध में चल रहा है. पिछले 5 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय कैंपस छात्रों के नारों से गूंज रहा होता है. आइए जानते हैं कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फीस में कितनी बढ़ोतरी की है?

 इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शन जारी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शन जारी
आनंद राज
  • प्रयागराज,
  • 21 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीते कुछ दिनों से छात्रों का बड़ा आंदोलन चल रहा है. इस आंदोलन के पीछे की कहानी यूनिवर्सिटी के द्वारा जारी एक सर्कुलर से होती है. इस सर्कुलर में यूनिवर्सिटी ने अपने फीस स्ट्रक्चर को कई गुना बढ़ा दिया है. इसके विरोध में छात्र उतर आए हैं. समाजवादी छात्र सभा ने अनशन शुरू कर दिया.

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इसके बाद एनएसयूआई, एबीवीपी के छात्र भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा बढ़ाए गए फीस वृद्धि के विरोध में उतर आए. तीनों छात्र संगठन कैंपस में अलग-अलग जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले 5 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के चलते विश्वविद्यालय कैंपस छात्रों के नारों से गूंज रहा होता है. छात्रों का कहना है कि इस फीस वृद्धि का असर गरीब छात्रों पर पड़ेगा.

जानिए किस छात्र संगठन को कौन कर रहा लीड 

फीस वृद्धि के विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कई छात्र संगठन प्रदर्शन की राह पर उतर आए हैं. एनएसयूआई (NSUI) छात्र संघ भवन के अंदर तो वहीं समाजवादी छात्र सभा लाल पदम धर मूर्ति के सामने धरना दे रहा है. जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) पूर्णकालिक अनशन इलाहाबाद विश्वविद्यालय डीएसडब्ल्यू कार्यालय के सामने जारी रखा है. 

समाजवादी छात्र सभा के प्रदर्शन को लीड अजय सिंह सम्राट कर रहे हैं. एनएसयूआई के आदर्श सिंह और एबीवीपी के प्रदर्शन को अतेंद्र सिंह लीड कर रहे हैं. भले ही इन सभी छात्र संगठनों के प्रदर्शन अलग-अलग जगह हो रहे हो लेकिन इन तीनों छात्र संगठनों की एक ही मांग है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बढ़ाई जा रही फीस को कम किया जाए.

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समाजवादी छात्र सभा के 5 छात्र अनशन पर बैठ गए, जिसमें कई छात्रों की तबियत खराब हो गई है. जैसे ही छात्र हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं तो उनकी जगह दूसरे छात्र अनशन पर बैठ जा रहे हैं. विश्वविद्यालय फीस वृद्धि के विरोध में कभी कैंपस में आर-पार की लड़ाई तो कभी विश्वविद्यालय की छत पर चढ़कर तो कभी आत्महत्या करने की कोशिश छात्र कर रहे हैं.

किस-किस कोर्स में कितना पैसा बढ़ाया गया

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले नए सत्र के छात्रों को अब बढ़ी हुई फीस दर के हिसाब से पैसे जमा करने होंगे. सभी कोर्सों में तकरीबन एक हजार रुपये सालाना फीस लगा करती थी जो 4 गुना हो गई है. बढ़ाई गई फीस अब नए सत्र से लगेगी. इसका विरोध विश्वविद्यालय में शुरू हो चुका है. आप भी जानिए किस कोर्स में कितनी फीस बढ़ाई गई- 

कोर्स पहले अब
बीए 975 3901 (लैब फीस के साथ 4151 रुपये)
बीएससी 1125 4151
बीकॉम  975 3901
एमए 1561 5401
एमएससी 1861 5401
एमकॉम 1561 4901
एलएलबी 1275 4651
एलएलएम 1561 4901
पीएचडी   501 15 हजार 800 (बिना लैब के विषयों के लिए 15 हजार 300)


फीस बढ़ाने के पीछे विश्वविद्यालय का क्या तर्क है?

इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों को साफ तौर पर यह संदेश दिया जा चुका है कि उन्हें अपने स्तर पर फंड का इंतजाम करना होगा और सरकार पर निर्भरता कम करनी होगी, कई अन्य संस्थाओं की तरह सरकार द्वारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फंड में भी कटौती की गई है, पिछले 110 वर्षों से प्रति माह ट्यूशन फीस 12 रुपये है, चालू बिजली बिलों का भुगतान करने और अन्य रखरखाव के लिए शुल्क बढ़ाया जाना जरूरी था.

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उसी अनुपात में फीस वृद्धि की गई है जिस अनुपात में अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की फीस में वृद्धि हुई है. विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के बाद भी विश्वविद्यालय में कोर्स की फीस तुलनात्मक रूप से अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तुलना में कम हैं.

 

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