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अल्ताफ मामले में कांग्रेस ने यूपी सरकार को घेरा, प्रियंका गांधी बोलीं- कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट

कांग्रेस ने यूपी की कानून व्यवस्था के साथ-साथ मौजूदा सरकार पर भी सवाल उठाए हैं.  जहां एक तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है? वहीं दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने भी अल्ताफ के यूपी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है.

अल्ताफ की संदिग्ध परिस्थिति में मौत अल्ताफ की संदिग्ध परिस्थिति में मौत
aajtak.in
  • कासगंज,
  • 10 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST
  • अल्ताफ केस में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं
  • राहुल गांधी और प्रियंका ने ट्वीट कर सूबे की कानून व्यवस्था को घेरा है

उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक शख्स की मौत ने सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. कासगंज में एक नौजवान आरोपी को पुलिस ने पकड़ा था, मगर थाने के शौचालय में उसकी मौत हो गई. सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि पुलिस कह रही है कि आरोपी ने 2 फीट ऊंची नल की टोंटी के जरिए फांसी लगा ली. लेकिन मृतक का परिवार कहता है कि उनके नौजवान बच्चे को पुलिस ने मार डाला. 

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ऐसे में अब इस मामले पर कांग्रेस ने यूपी की कानून व्यवस्था के साथ-साथ मौजूदा सरकार पर भी सवाल उठाए हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है? वहीं दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने भी अल्ताफ के यूपी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है.
 

क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है?

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 10, 2021


प्रियंका ने लिखा, 'कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं. उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.'

 

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कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं।

उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 10, 2021

बता दें कि मृतक युवक की पहचान सदर कोतवाली क्षेत्र के नगला सय्यैद अहरोली निवासी अल्ताफ के तौर पर हुई है. जो घरों में पेंटिंग और टाइल्स की दुकान पर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. बताया जा रहा युवक को एक दिन पहले लड़की भगाने के आरोप में पूछताछ के लिए उठाया था.

मामले में अल्ताफ के पिता का कहना है कि उन्होंने सोमवार की शाम खुद अपने बच्चे को पुलिस को सौंपा था, 24 घंटे बाद पता चला कि कि मेरे बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है, मुझे लगता है कि पुलिस वालों ने ही फांसी लगाकर हत्या कर दी है. इसी बीच एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने मामले से जुड़े इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिस कर्मियो को सस्पेंड कर दिया है.

पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल

अल्ताफ की संदिग्ध मौत का मामला जैसे ही सामने आया तो पुलिस के दावे पर सवाल उठने लगे. क्योंकि जिस नल से फांसी लगाने की बात की जा रही है, उसकी ऊंचाई महज 2 फीट होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि कोई दो फीट ऊंचे नल पर लटककर कैसे फांसी लगा सकता है. कांग्रेस समेत विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

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वॉशरूम की पाइप और टोटी

इस बीच आजतक की टीम ने वॉशरूम का दौरा किया. आजतक की पड़ताल में वॉशरूम के अंदर सिर्फ एक नल दिखा, जो कि जमीन से करीब दो फीट की ऊंचाई पर था. उसी पाइप में एक टोटी लगी हुई है. इसके अलावा पूरे वॉशरूम में न कोई पाइप है और न ही कोई कुंडी. हवालात के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगा है, जिसकी फुटेज अभी सामने नहीं आई है.



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