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आतंकी वानी की मौत के बाद 1200 कश्मीरी छात्रों ने AMU छोड़ने की दी धमकी

वानी की मौत के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देशद्रोही नारे सुनाई दे रहे हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन और कश्मीरी छात्र आमने-सामने हैं. कुछ छात्रों पर केस भी दर्ज हुए हैं. कश्मीरी छात्रों की मांग है कि केस वापस लिए जाएं नहीं तो वे यूनिवर्सिटी छोड़ देंगे.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फोटो-आजतक आर्काइव) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फोटो-आजतक आर्काइव)
रविकांत सिंह
  • लखनऊ,
  • 15 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का देश ही नहीं, दुनिया में भी काफी नाम है. जाकिर हुसैन, हामिद अंसारी, जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह जैसे नामचीन लोग देश की इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. इन लोगों ने एएमयू का नाम रोशन किया. दूसरी तरफ, मन्नान वानी जैसा छात्र है, जो छात्र से आतंकी बन गया. मानी को लेकर 4 दिन से अलीगढ़ यूनिवर्सिटी सुलग रही है. नौबत ये आ गई है कि यहां पढ़ने वाले 1200 कश्मीरी छात्रों ने यूनिवर्सिटी छोड़ने की धमकी दी है.

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हालत ये है कि कश्मीर में एक आतंकी का एनकाउंटर होने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देशद्रोही नारों की गूंज सुनाई देती है. अब सूरत ये है कि यूनिर्सिटी प्रशासन और कश्मीरी छात्र आमने-सामने हैं. मामला इतना बढ़ गया है कि पूर्व छात्रसंघ नेता सज्जाद सुभान ने एक चिट्ठी लिखकर एएमयू प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो 1200 कश्मीरी छात्र अपनी डिग्री छोड़कर कश्मीर वापस चले जाएंगे.

दरअसल, ये मामला आतंकी मन्नान वानी के एनकाउंटर से जुड़ा है. मन्नान वानी कभी एएमयू का छात्र था, लेकिन पढ़ाई छोड़ कर आतंकी बन बैठा और इसी गुरुवार को कुपवाड़ा में एनकाउंटर में मारा गया. आरोप है कि उसी दिन एएमयू के कैनेडी हॉल में कुछ कश्मीरी छात्रों ने मन्नान वानी के लिए शोक सभा रखी थी. पता लगने पर छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी स्टाफ ने छात्रों को ऐसा करने से रोका. इसे लेकर वहां बहस हो गई. आरोप ये भी है कि इस शोक सभा में देशविरोधी नारे भी लगे. जिस पर दो नामजद और एक अज्ञात छात्र के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है. यूनिवर्सिटी ने भी 9 छात्रों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

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एएमयू के पूर्व छात्रसंघ नेता सज्जाद सुभान का दावा है कि छात्र कश्मीर में हालात पर चर्चा के लिए इकट्ठा हुए थे और कोई देशद्रोही नारे नहीं लगाए गए. ऐसे में जिन दो छात्रों पर केस हुए हैं, वो वापस लिए जाएं. हालांकि सज्जाद के दावे के उलट एएमयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने माना कि शोक सभा हुई थी.

यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस दोनों अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी की ओर से एक टीम का गठन किया गया है जो 72 घंटे में अपनी रिपोर्ट देगी. पुलिस ने भी एसआईटी बनाई है. एक तरफ तेजी से मामले की जांच चल रही है, तो दूसरी तरफ छात्र नेता सज्जाद ये दावा कह रहे हैं कि अगर केस वापस नहीं हुए तो कश्मीरी छात्र यहां से चले जाएंगे. इसी बीच यूपी पुलिस ने यूनिवर्सिटी से सीसीटीवी फुटेज मांगी है. जो छात्र शक के घेरे में हैं, उनके पते और बैकग्राउंड की जानकारी कश्मीर पुलिस से मांगी गई है.

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