
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या मामले में आरोपी उनके शिष्य आनंद गिरि उर्फ अशोक चोटिया का राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से कनेक्शन है. आनंद गिरि उर्फ अशोक चोटिया भीलवाड़ा के ब्राह्मणों की सरेरी गांव का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी के बाद गांव हलचल मची हुई है.
आनंद गिरि का जन्म साल 1984 में हुआ था. 13 साल की उम्र में कक्षा 6 में पढ़ाई करते समय वो घर छोड़कर चला गया था. इसके बाद 2014 में वो अपने गांव आया था. आखिरी बार 31 मई 2021 को आनंद गिरि अपनी मां (नानू देवी) के अंतिम संस्कार में शामिल होने गांव आया था.
इसके बचपन का नाम अशोक कुमार था. इसके तीन भाई भंवर लाल, कैलाश और रामस्वरूप अहमदाबाद और सूरत में काम करते हैं. आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार आनंद गिरि के पिता रामेश्वर लाल ने कहा कि वो शुरू से संत स्वभाव का था. बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था. 13 साल बाद मुझे कुंभ के मेले में मिला था और उसके बाद दो बार ही गांव आया. वो कभी-कभी फोन जरूर कर लेता था.
आनंद गिरि के पिता ने बताया कि हमने उससे किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं ली है. उसकी कोई संपत्ति गांव में नहीं है, लेकिन उस पर जो आरोप लगा है उससे मेरे मन में पीड़ा है.
बता दें कि आनंद गिरि पुलिस की गिरफ्त में है और उससे पूछताछ जारी है. महंत नरेंद्र गिरि की ओर से लिखे गए कथित सुसाइड नोट में कहा गया था कि आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी उन्हें फंसाने की कोशिश में लगे हुए थे. साथ ही इस बात का भी जिक्र था कि एक लड़की के साथ महंत नरेंद्र गिरि को दिखाते हुए कोई वीडियो दिखाकर उन्हें धमकाया जा रहा था.
रिपोर्ट- प्रमोद तिवारी