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आंदोलनकारी राकेश टिकैत किसानों के साथ अब कहां कर रहे हैं घेराव?

जब टिकैत से सवाल पूछा गया कि आखिरकार संयुक्त किसान मोर्चा में चुनाव को लेकर फूट पड़ गई है तो आगे ऐसे आंदोलन का भविष्य क्या है? टिकैत ने जवाब दिया कि कुछ किसान संगठन 4 महीने के लिए छुट्टी पर गए हैं और उसके बाद वापस मोर्चे में आ जाएंगे.

किसानों के साथ राकेश टिकैत. किसानों के साथ राकेश टिकैत.
कुमार कुणाल
  • मुजफ्फरनगर,
  • 29 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:54 AM IST
  • सैंकड़ों किसानों के साथ टिकैत पहुंचे थे घेराव करने
  • मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत ने फिर संभाला मोर्चा

किसान आंदोलन खत्म हुए लगभग 2 हफ्ते का वक्त गुजर चुका है. किसान घर तो लौट गए हैं लेकिन क्या आंदोलन की बातें भी खत्म हो गईं हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि मंगलवार को राकेश टिकैत एक बार फिर से आंदोलनकारी की भूमिका में नजर आए.  बस जगह नयी थी लेकिन तरीका वही था.  इस बार मुजफ्फरनगर में कलेक्ट्रेट का घेराव करने टिकैत अपने संगठन के किसानों के साथ पहुंचे थे. मुद्दा यह था कि कुछ नए चुने हुए जिला पंचायत के सदस्यों को काम नहीं दिया जा रहा है और उनके साथ भेदभाव हो रहा है.

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किसानों ने जो आंदोलन में नई बातें और तरीका सीखा है, उसी को उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर आने वाले दिनों में भी जिंदा रखने की तैयारी है.  मुजफ्फरनगर जनपद के तमाम किसान ट्रैक्टरों पर जिला मुख्यालय पहुंच गए. वहां के लोकल प्रशासन को यह धमकी दे दी गई कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो दिल्ली की तरह वह यहां भी मोर्चा लगाकर बैठ जाएंगे और भंडारा चालू कर दिया जाएगा. शायद पहले की बात होती तो प्रशासन इस पूरी धमकी को गंभीरता से नहीं लेता लेकिन किसान आंदोलन के बाद माहौल बदला है. इसीलिए प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी किसानों को मनाने पहुंच गए. प्रशासन ने फटाफट यह आश्वासन भी दिया कि किसानों की मांग को मानने के लिए 5 सदस्यों की एक कमेटी बना दी गई है और चूंकि जिलाधिकारी लखनऊ गए हैं तो उनके आते ही किसानों से बातचीत शुरू कर दी जाएगी.
 
कहा- जरूरत पड़ी तो पीएम की रैली के आसपास करेंगे सभा
2 जनवरी को ही मेरठ और मुजफ्फरनगर की सीमा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली भी है, तो अपने अंदाज में राकेश टिकैत में यह चेतावनी भी दे डाली कि अगर जरूरत पड़ी तो अपनी मांगों को मनवाने के लिए वह पीएम की रैली के आसपास में सभा करगे. जब टिकैत से सवाल पूछा गया कि आखिरकार संयुक्त किसान मोर्चा में चुनाव को लेकर फूट पड़ गई है तो आगे ऐसे आंदोलन का भविष्य क्या है? टिकैत ने जवाब दिया कि कुछ किसान संगठन 4 महीने के लिए छुट्टी पर गए हैं और उसके बाद वापस मोर्चे में आ जाएंगे. 15 जनवरी को किसान आंदोलन के बाद लिए गए फैसलों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम मीटिंग भी होनी है. उसी मीटिंग में चुनाव लड़ने वाले संगठनों और साथ ही साथ आगे सरकार के साथ बातचीत पर क्या कुछ होगा उस पर भी फैसला लिया जाना है.

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