
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की मौत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो मरना चाहता है, उसको बचाने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता है. इस दौरान सीएम योगी ने अपनी पुलिस का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान दंगाइयों ने गोली चलाई. दंगाइयों की गोली से ही प्रदर्शनकारियों की मौत हुई.
दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले थे. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी और कई पुलिस कर्मी घायल हुए थे. सबसे ज्यादा उग्र प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में देखने को मिले थे. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था.
इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी पथराव किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. आपको बता दें कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया है. इस कानून का मुस्लिम समुदाय और कांग्रेस पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. हालांकि मोदी सरकार का कहना है कि हिंदुस्तान के मुसलमानों का इस कानून से कोई लेना-देना नहीं हैं. यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है. यह कानून नागरिकता देने वाला है. इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी.
इसे भी पढ़ें--- CAA पर शिवसेना और NCP में मतभेद? उद्धव ने किया समर्थन तो पवार बोले- हम खिलाफ
इसको लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में भी पिछले 67 दिन से धरना प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक मोदी सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस नहीं ले लेती है, तब तक धरना प्रदर्शन बंद नहीं किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी लगाई गई हैं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकारों को भेजा है. बुधवार को वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. अब गुरुवार को फिर से वार्ताकार शाहीन बाग आएंगे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता करेंगे.
इसे भी पढ़ें--- चुनाव के दौरान शरद पवार-उद्धव ठाकरे की फोन टैपिंग! महाराष्ट्र सरकार ने दिए जांच के आदेश