
यूपी के महराजगंज में भारत-नेपाल बॉर्डर के पास मदरसे की जांच करने पहुंचे अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य बख्सीस अहमद वारसी का एक विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि इल्म गड़बड़ होने से शैतान पैदा होते हैं. वह नौतनवां स्थित मकतब जामिया अरबिया सिराजुल उलूम में शिक्षकों के कम ज्ञान होने की सूचना मिलने के बाद जांच करने पहुंचे थे.
उन्होंने मदरसे में दी जाने वाली तालीम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि शिक्षक के पास ज्ञान का अभाव हो तो यह निहायत ही गड़बड़ बात है. वारसी ने कहा कि यूपी में ऐसे भी मदरसे हैं, जहां एडेड होते ही संचालक सऊदी अरब गए अपने रिश्तेदारों को बुलाकर उनकी फर्जी डिग्री बनवाकर शिक्षक बनवा देते हैं. वारसी ने मदरसा संचालकों को आगाह किया कि अगर गड़बड़ हुई तो कालिदास मार्ग बैठकर स्वाहा कर दूंगा. भी जो गड़बड़ करेगा, उसको खत्म करवा दूंगा.
7500 मदरसों के पास नहीं है मान्यता
यूपी में मदरसों का सर्वे कराया जा रहा था. फिलहाल यह काम पूरा हो चुका है. सर्वे में सामने आया है कि पूरे सूबे में करीब 7,500 के आस-पास मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं. इस सर्वे के साथ ही सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि सर्वे का मकसद सिर्फ डाटा इकट्ठा करना है. इनकी कोई जांच नहीं होगी और न ही कोई अवैध है. सर्वे की पूरी रिपोर्ट 15 नवंबर तक जिलाधिकारी के जरिए राज्य सरकार को भेजी जाएगी.
असली-नकली मकसद से नहीं किया गया सर्वे
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति भी जताई थी. हालांकि इस पर यह साफ किया गया है कि यह सर्वे असली-नकली के मकसद से नहीं किया जा रहा है. इसका लक्ष्य शिक्षा और शिक्षा के केंद्र की संख्या, उनकी व्यवस्था आदि की सही जानकारी प्राप्त करना था. सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहम जावेद ने कहा, 'इसका किसी भी प्रकार से किसी भी जांच से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है.'