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अयोध्या: परंपरागत रूप से मनेगा रामलला का जन्मोत्सव, परिसर में भक्तों की एंट्री बैन

कोरोना की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ही इस बार संत समाज की तरफ से भी तमाम भक्तों से अपील की गई है कि वे रामनवमी के अवसर पर अयोध्या न आएं और घर पर ही अपने आराध्य की आराधना करें. संतों की मानें तो बाहर से आ रहे लोग अयोध्या में कोरोना का संक्रमण बढ़ा सकते हैं.

रामनवमी पर कोरोना का साया रामनवमी पर कोरोना का साया
कुमार कुणाल
  • अयोध्या,
  • 19 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 9:09 PM IST
  • राम जन्मभूमि परिसर में रामलला का जन्मोत्सव परंपरागत रूप में
  • मुख्य पुजारी के मार्गदर्शन में मनाया जाएगा जन्मोत्सव

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए न्यास ने यह निर्णय लिया है कि रामनवमी के दिन अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला का जन्मोत्सव परंपरागत रूप में मुख्य पुजारी जी के मार्गदर्शन में मनाया जाएगा. लेकिन सभी भक्तों का प्रवेश वर्जित रहेगा. मंदिर प्रशासन ने कहा है कि सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड सम्बन्धित नियमों का पालन करें व पूजा-पाठ, व्रत-उपवास घर में रहकर ही करें.

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मंदिर प्रशासन ने कहा कि हम निरोगी रहेंगे तो हमारा परिवार भी सुरक्षित रहेगा व भविष्य में भी रामनवमी उत्सव मनाया जा सकेगा. भगवान के जन्मोत्सव पर हम सभी के आरोग्य की मंगलकामना करते हैं. 

उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है. राज्य में पिछले दो दिन से 27 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और मौत के आंकड़े भी डराने वाले हैं. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए इस बार अयोध्या में रामनवमी का उत्सव भी फीका रहने वाला है. इस साल अयोध्या में रामनवमी का उत्सव मेला आयोजित नहीं होगा. जिला प्रशासन की तरफ से सख्ती बरती जा रही है और इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि किसी भी तरह की भीड़ जमा न हो. 

कोरोना की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ही इस बार संत समाज की तरफ से भी तमाम भक्तों से अपील की गई है कि वे रामनवमी के अवसर पर अयोध्या न आएं और घर पर ही अपने आराध्य की आराधना करें. संतों की मानें तो बाहर से आ रहे लोग अयोध्या में कोरोना का संक्रमण बढ़ा सकते हैं. ऐसे में प्रशासन के नियमों का सख्ती से पालन हो, इसी पर संत समाज भी जोर दे रहा है.

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इसी कड़ी में इस साल रामनवमी का त्योहार भी बड़े स्तर पर नहीं मनाया जाएगा. राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद ये पहली रामनवमी है, ऐसे में आयोजन बड़े स्तर पर होने थे. कई तरह की तैयारी की जा रही थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने तमाम कार्यक्रमों पर रोक लगा दी.

उत्तर प्रदेश में कोरोना से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. जिस तेजी से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है, उसके अनुपात में सरकार की ओर से किए जा रहे तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं और मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है, बेड की कमी हो रही है और श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की जगह नहीं है.

 

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