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फ्रांस का आर्टिस्ट... रामायण में है गहरी दिलचस्पी... अब बदलेगा सरयू घाट का नजारा

यहां पर काम करते दिखेंगे फ़्रांस के शिफुमी (chifumi) जो घाट को वॉल पेंटिंग और मयूरल आर्ट से सजा रहे हैं. सरयू के पम्पिंग सेट्स की बड़ी सी दीवार पर इनके आर्ट और कल्पनाशीलता का नमूना देख जा सकता है.

फ़्रांस के कलाकार शिफुमी बदल देंगे सरयू घाट का नजारा फ़्रांस के कलाकार शिफुमी बदल देंगे सरयू घाट का नजारा
शिल्पी सेन
  • अयोध्या,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST
  • दीपोत्सव से पहले सरयू घाट का बदलेगा रंग रूप
  • फ्रांस का कलाकार दिखाएगा अपना कमाल

कहते हैं राम कथा का मर्म वही जान सकता है जिसने इसे मन से पढ़ा है. इसको समझने के लिए भाषा की कोई दीवार नहीं है. राम नगरी में इन दिनों घाट पर राम के जीवन का संदेश बनाने वाले फ़्रांस के एक युवक को देखा जा सकता है. हल्के और गहरे नीले रंग में दीवार पर राम को सरयू में समाहित होते दिखाने वाले ये कलाकार दरअसल घाट को नया रंग-रूप देने की तैयारी कर रहे हैं.

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दीपोत्सव से पहले सरयू घाट का बदलेगा रंग रूप

अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी शुरू हो गयी है. अब तक के सबसे बड़े दीपोत्सव में 7.5 लाख दीये जलाकर नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है. इसी ख़ास आयोजन के लिए सरयू घाट और राम की पैड़ी को सजाया संवारा जा रहा है. यहां पर काम करते दिखेंगे फ़्रांस के शिफुमी(chifumi) जो घाट को वॉल पेंटिंग और मयूरल आर्ट से सजा रहे हैं. सरयू के पम्पिंग सेट्स की बड़ी सी दीवार पर इनके आर्ट और कल्पनाशीलता का नमूना देख जा सकता है. इस दृश्य में राम सरयू में समाधि ले रहे हैं .कई देशों की यात्रा कर चुके फ़्रांस के इस युवा कलाकार की ये पहली अयोध्या यात्रा है. वे कहते हैं कि ‘मैंने रामायण पढ़ी है. राम कथा को जानता हूं.सरयू में समाहित होना राम के जीवन की महत्वपूर्ण बात है.’

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क्या है इस पेंटिंग का संदेश?

आम तौर पर राम के जन्म, जीवन, वन गमन, धनुर्धारी रूप को ही अयोध्या में अलग-अलग जगह देखा जा सकता है.पर इसमें सरयू में राम के  प्रवेश को दिखाया गया है. वॉल पेंटिंग में राम के जीवन से सम्बंधित दृश्य हैं तो सरयू की महिमा का बखान भी. सरयू वो है जिसने राम के जन्म से लेकर इस लोक से जाने तक की कथा को देखा है. जिस कम्पनी मोज़ार्टो के माध्यम से ये विदेशी कलाकार यहां काम कर रहे हैं उनकी टीम भी साथ है.

प्रोजेक्ट मैनेजर पायल कहती हैं कि ‘ये विषय बहुत ख़ास है. कहते हैं सीता अग्नि में नहीं जलीं, पर राम जल में जल गए. यही दृश्य दिखाने की कोशिश की गयी है. यही नहीं जिससे लोग जब सरयू के जल को छुएं तो महसूस करें कि उन्होंने अपने आराध्य राम को छू लिया.’आने वाले समय में स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी के कलाकार भी इसी प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या में काम करेंगे.

बदली नज़र आएगी कलर स्कीम

पायल और शिफ़ुमी बताते हैं कि इस बार सरयू के घाटों की पूरी कलर स्कीम बदली हुई नज़र आएगी. इसके लिए वो बहुत शोध करके काम कर रहे हैं. इसके लिए अयोध्या की पुरानी तस्वीरों को भी देखा और उसका अध्ययन किया है. जिससे ऐतिहासिकता का अहसास हो सके. इसके अलावा दीपोत्सव में जब दीये जलेंगे तो ये नज़ारा और भी भव्य लगेगा. अयोध्या में कई स्तरों पर काम चल रहा है. 7.5 लाख दीये जलाने और इसके अलावा पिछले वर्षों से ज़्यादा भव्य रामलीला और लेज़र शो की भी तैयारी है.

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