Advertisement

Ayodhya: रामलला के भक्तों के लिए खुशखबरी, राम मंदिर निर्माण की Exclusive तस्वीरें आईं सामने, ऐसा दिखेगा गर्भगृह

यूपी के अयोध्या में राम मंदिर बनने का भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अब मंदिर निर्माण कार्य की एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं. यह तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की हैं. इनमें देखा जा सकता है कि मंदिर किस तरह बन रहा है और गर्भगृह कैसा नजर आएगा.

राम मंदिर निर्माण की Exclusive तस्वीरें. राम मंदिर निर्माण की Exclusive तस्वीरें.
बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 27 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

Ayodhya Ram Mandir Exclusive Photos: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य की एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं. श्री राम जन्मभूमि मंदिर किस तरह बन रहा है, इसकी ताजा तस्वीरें ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जारी की हैं. इन तस्वीरों में मंदिर का निर्माण कार्य किस तरह चल रहा है, गर्भगृह का निर्माण कैसे हो रहा है, इसको प्रदर्शित किया है. 

Advertisement

बता दें कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर आर्किटेक्ट और निर्माण शैली का अद्भुत संगम होगा, जिसमें एक बड़ी भूमिका अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की भी होगी. इस समन्वय से इस तरह का ऐसा अद्भुत दृश्य दिखाई देगा, जिसमें खुद सूर्य देवता रामलला का अभिषेक करते नजर आएंगे. इसी के साथ श्री राम जन्मभूमि परिसर की 70 एकड़ भूमि में 20 एकड़ पर निर्माण कार्य होगा.

मंदिर परिसर की 50 एकड़ भूमि पर फैली हरियाली के बीच रामायण कालीन ऐसे वृक्ष दिखाई देंगे, जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है. इसके लिए भी शोध कार्य चल रहा है कि उस समय के कितने पेड़ पौधों को श्री राम जन्मभूमि परिसर में उगाया जा सकता है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर जब पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा तो उसके आसपास का दृश्य पूरी तरह अद्भुत और राममय होगा.

Advertisement

अयोध्या में रामनवमी को जिस समय भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, उस समय खुद भगवान सूर्य रामलला का अभिषेक करेंगे. इसके लिए आर्किटेक्ट इस तरह की व्यवस्था कर रहे हैं, जिससे उस समय सूर्य की किरण सीधे भगवान रामलला के मुखारबिंदु यानि मस्तक को प्रकाशित करें. इसीलिए इस काम में आर्किटेक्ट के साथ-साथ अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी सहयोग कर रहे हैं.

गर्भगृह तक पहुंचेगी सूर्य की रोशनी, तकनीक का लिया जा रहा सहारा

श्री राम जन्मभूमि परिसर में दोपहर को सूर्य बिल्कुल ऊपर रहेगा, वह भी थोड़ा दक्षिण होगा. इसके कारण जो किरण आएगी, वह थोड़ा दक्षिण में आएगी. वहां से इस तरह मिरर के जरिए उसको डायवर्ट करके मंदिर के सीधा अंदर ले जाया जाएगा. इसमें यंत्रों का भी इस्तेमाल होगा. उसको सीधे लेंस के जरिए गर्भ गृह में विराजमान रामलला के मस्तिष्क पर डाला जाएगा. इसे 'सूर्य तिलक' कहा जाएगा.

रिसर्च के दौरान अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि 19 साल तक यह सूर्य का पथ बदलेगा नहीं. यानि सूर्य की किरणों को डायवर्ट करने की जो विधि इस्तेमाल की जाएगी, उसमें बदलाव की जरूरत 19 साल बाद ही पड़ेगी. इस काम में अंतरिक्ष वैज्ञानिक और तमाम तकनीकी विशेषज्ञ जुटे हुए हैं.

रामायण कालीन वृक्ष दिलाएंगे त्रेता युग की याद

Advertisement

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 70 एकड़ भूमि के अंदर लगभग लगभग 70% हिस्सा अर्थात 50 एकड़ तक हिस्सा हरियाली होगी. वहां कितने वृक्ष हैं, कितने फैमिली के कितने प्रकार के वृक्ष हैं, कौन-कौन से वृक्ष और लगाए जा सकते हैं, वाल्मीकि रामायण में किन किन वृक्षों का वर्णन है, जो अपने यहां उगाए जा सकते हैं, इसकी नर्सरी कहां बनाई जा सकती है, इन सभी बातों पर चर्चा की जा चुकी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement